जरुरी जानकारी | अमेरिकी बांडों पर निवेश-प्रतिफल बढ़ने से शेयर बाजारों में गिरावट जारी, सेंसेक्स 441 अंक टूटा

मुंबई, पांच मार्च अमेरिका में सरकारी प्रतिभूतियों पर निवेश प्रतिफल में उछाल के साथ साथ कच्चे तेल की कीमतों में नयी तेजी से वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। उसके असर से स्थानीय शेयर बाजरों में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी गिरावट दर्ज की गयी।

बंबई शेयर बाजार(बीएसई) का सेंसेक्स 441 अंक और टूट गया और निफ्टी 15,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 440.76 अंक या 0.87 प्रतिशत के नुकसान से 50,405.32 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 726 अंक ऊपर-नीचे हुआ।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 142.65 अंक या 0.95 प्रतिशत टूटकर 14,938.10 अंक पर बंद हुआ।

रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीतिक प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका में 10 साल के बांड पर निवेश प्रतिफल बढ़ने और फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की इस पर टिप्पणी से घरेलू बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। एफएससीजी को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के शेयरों में नुकसान रहा।’’

पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 1,039.33 अंक या 2.02 प्रतिशत टूट चुका है। वहीं निफ्टी में इस दौरान 307.5 अंक या 2.01 प्रतिशत का नुकसान दर्ज हुआ है।

साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स कुल मिलका कर 1,305.33 अंक या 2.65 प्रतिशत लाभ में रहा। निफ्टी साप्ताहिक आधार पर 408.95 अंक या 2.81 प्रतिशत ऊंचा रहा।

सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, एसबीआई, डॉ रेड्डीज, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक और बजाज फिनसर्व के शेयर नुकसान में रहे।

वहीं दूसरी ओर ओएनजीसी, मारुति, कोटक बैंक, नेस्ले और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर लाभ में रहे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में नुकसान रहे।

मोदी ने कहा कि निश्चित रूप से बांड पर प्राप्ति बढ़ने से वैश्विक निवेशक दबाव में हैं। बांड पर प्राप्ति बढ़ने से भविष्य की आमदनी घटती और नकदी प्रवाह का अनुमान प्रभावित होता है।

अमेरिका में बांड पर प्राप्ति बढ़ने से मुद्रास्फीतिक दबाव का अंदेशा है।

इससे वॉल स्ट्रीट में गिरावट आई। इसी के अनुरूप अन्य एशियाई बाजारों में भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा।

शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बृहस्पतिवार को भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 223.11 करोड़ रुपये की निकासी की।

बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप में 1.89 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के बयान और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से शेयर बाजार नरम रुख के साथ खुले। धातु और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली से पूरे दिन बाजार में नुकसान में रहे।’’

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 19 पैसे टूटकर 73.02 प्रति डॉलर पर आ गया।

वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 1.26 प्रतिशत के लाभ से 68.11 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

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