नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर : देश में जल्द ही कोविड-19 (COVID-19) रोधी टीकों की एक अरब खुराक दे दी जाएंगी और अब टीकाकरण को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्र ने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से दूसरी खुराक लगाने पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है. राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 99 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को देशभर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. केन्द्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से भी सुझाव मांगे हैं. मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सोमवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की.
भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि देश में जल्द ही टीकों की एक अरब खुराक दे दी जाएंगी. उन्होंने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों का सभी नागरिकों को टीका लगाने की दिशा में किए प्रयासों के लिए शुक्रिया अदा किया. बयान के अनुसार इस बात पर जोर दिया गया कि बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी खुराक नहीं दी गई है. राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को दूसरी खुराक पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. कई राज्यों के पास दूसरे टीके के लिए पर्याप्त खुराक हैं. भारत सरकार, राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को अतिरिक्त खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है, ताकि इस कार्य को पूरा किया जा सके. उन्होंने साथ ही टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का भी आह्वान किया. यह भी पढ़ें: West Bengal: उत्तर दिनाजपुर में युवा नेता की हत्या के खिलाफ भाजपा की हड़ताल, जनजीवन प्रभावित
बयान में कहा गया कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे उन जिलों को प्राथमिकता दें, जहां टीके कम लगे हैं और अतिरिक्त कोविड-19 टीकाकरण केन्द्रों की जरूरत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार की आवश्यकता का पता लगाएं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए पिछले एक साल में मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की हैं. बयान में कहा गया कि गृह मंत्रालय, आप्रवासन ब्यूरो, नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर इन दिशानिर्देशों की समीक्षा की जा रही है. राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को भी इस संबंध में अपने विचार साझा करने को कहा गया है.