नयी दिल्ली, 10 अप्रैल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि राज्यों को यह बात ध्यान में रखनी होगी कि गर्भवती महिलाओं, डायलिसिस कराने वाले रोगियों और थैलेसेमिया जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों का उपचार या चिकित्सा जरूरतें लॉकडाउन के बावजूद पूरी हों।
हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाये गये कदमों और तैयारियों की समीक्षा का सुझाव दिया।
प्रत्येक राज्य के साथ पीपीई, एन95 मास्क, जांच किट, दवाओं और वेंटिलेटरों की जरूरत की समीक्षा करते हुए हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है कि इन जरूरी सामग्रियों की कमी नहीं रहे और अनेक चीजों के ऑर्डर पहले ही दे दिये गये हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों की आंशिक जरूरतें और उनके द्वारा व्यक्त की गयी आवश्यकता पर चर्चा की गयी।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस के कारण मौत के मामले 206 हो गये हैं वहीं रोगियों की कुल संख्या 6761 पहुंच गयी है। बृहस्पतिवार शाम से 24 घंटे में संक्रमण के मामलों में 896 की तथा मृत्यु के मामलों में 37 की बढ़ोतरी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘राज्यों को इस बारे में ध्यान रखना होगा कि गर्भवती महिलाओं, डायलिसिस कराने वाले रोगियों तथा थैलेसेमिया जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों का इलाज और उनकी चिकित्सा जरूरतें पूरी हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को स्वैच्छिक रक्त दान को बढ़ावा देना चाहिए तथा किसी भी समय रक्त की पर्याप्त आपूर्ति के लिहाज से सुरक्षित रक्तदान के लिए चल इकाइयों का बंदोबस्त करना चाहिए।’’
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