SSC Recruitment Scam: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एकल पीठ का फैसला रखा बरकरार
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को बुधवार को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई कथित अवैध नियुक्तियों की सीबीआई जांच करने का निर्देश दिया गया था.
कोलकाता, 18 मई : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को बुधवार को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई कथित अवैध नियुक्तियों की सीबीआई जांच करने का निर्देश दिया गया था. न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति ए. के. मुखर्जी की खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित शिक्षक एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में ‘‘अनियमितताओं’’ को ‘‘सार्वजनिक घोटाला’’ करार दिया और कहा कि न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ का मामले की सीबीआई जांच का आदेश गलत नहीं था.
खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है. एकल पीठ ने राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था और कहा था कि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नौंवी और दसवीं कक्षा के लिए शिक्षकों और ग्रुप सी तथा डी के कर्मचारियों के लिए 2016 के पैनल की भर्ती प्रक्रिया की देखरेख के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति अवैध थी. यह भी पढ़ें : अस्पताल में डेढ़ साल तक डॉक्टरी करता रहा ‘मुन्नाभाई’, गूगल सर्च से करता था इलाज
खंडपीठ ने फैसले के खिलाफ अर्जियां दायर होने के बाद इन सभी फैसलों पर रोक लगा दी थी. इन अर्जियों पर फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने न्यायमूर्ति आर. के. बाग समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया, जिसमें घोटाले से जुड़े तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को बुधवार शाम छह बजे तक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होने का निर्देश भी दिया है.