नई दिल्ली, 10 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें सीबीआई और ईडी को कथित पश्चिम बंगाल स्कूल नौकरी घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच करने का स्वतंत्र अधिकार है और अदालत मामले में जांच को बाधित नहीं कर सकती पीठ ने अपने आदेश में कहा, "हम दिए गए आदेश में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं. यह भी पढ़े: West Bengal Teacher's Recruitment Scam: बंगाल नौकरी घोटाला मामले में ईडी ने तृणमूल युवा शाखा प्रमुख सयानी घोष को किया तलब
क्योंकि इससे जांच बाधित होगी याचिकाकर्ता कानून के तहत उपलब्ध उपायों का लाभ उठा सकता है शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि कथित करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच को रोकने के लिए निर्देश पारित नहीं करने में उच्च न्यायालय सही था इस साल 18 मई को उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के केंद्रीय एजेंसी से जांच के आदेश को बरकरार रखा और समय बर्बाद करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे बनर्जी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
इसके बाद बनर्जी ने उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी एक अंतरिम निर्देश में शीर्ष अदालत ने 26 मई को वरिष्ठ तृणमूल नेता पर जुर्माना लगाने के आदेश के हिस्से पर रोक लगा दी थी स्कूल भर्ती मामले में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की जांच का आदेश मूल रूप से उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने दिया था बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामला जस्टिस सिन्हा की एकल पीठ को सौंपा गया था शीर्ष अदालत ने बनर्जी के संबंध में एक समाचार चैनल को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के साक्षात्कार पर कड़ी आपत्ति जताई, जबकि बनर्जी से संबंधित एक मामले की सुनवाई उनके द्वारा की जा रही थी.