कोलंबो, 23 अगस्त श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से अनुरोध किया है कि पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए, क्योंकि यह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार है।
यह भी अनुरोध किया गया है संकट प्रभावित अपने देश वापस आने में गोटबाया का सहयोग किया जाए।
श्रीलंकाई मानवाधिकार आयोग (एचआरसीएसएल) ने एक पत्र में सोमवार को कहा कि उसे कई शिकायतें मिली हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति ने धमकी और जबरदस्ती के चलते इस्तीफा दिया था और सरकार इस अवधि के दौरान उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही थी।
पत्र में कहा गया, ‘‘अब पूर्व राष्ट्रपति और उनका परिवार देश वापस आने का इरादा रखता है। शिकायत का आधार यह है कि मौजूदा खतरों के कारण पूर्व राष्ट्रपति और उनका परिवार कारण देश वापस नहीं आ सकते। यह संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।’’
हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि राजपक्षे बुधवार को देश वापस आएंगे या नहीं, जैसा कि उनके चचेरे भाई उदयंग वीरातुंगा ने पिछले हफ्ते संभावना जताई थी।
अपने खिलाफ जनाक्रोश तेज होने पर 73 वर्षीय राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के लिए अपनी सरकार के खिलाफ विद्रोह के मद्देनजर राजपक्षे ने पिछले महीने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।
श्रीलंका से राजपक्षे पहले मालदीव गए, वहां से वह सिंगापुर गए और फिर बैंकाक पहुंचे। वह फिलहाल अपनी पत्नी लोमा राजपक्षे के साथ बैंकॉक के एक होटल में ठहरे हुए हैं।
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