दिल्ली से विशेष ट्रेन पहुंची बेंगलुरु, यात्रियों को 14 दिनों के लिए किया जाएगा क्वारंटाइन

दिल्ली से एक ट्रेन करीब 1,000 यात्रियों को लेकर बृहस्पतिवार को बेंगलुरु पहुंची. देश में सीमित रेल सेवा बहाल होने के बाद कर्नाटक पहुंचने वाली यह पहली ट्रेन है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनकी स्टेशन परिसर में ही कोविड-19 संबंधी जांच की गई.

क्वारंटाइन में लोग (Photo Credits: PTI)

बेंगलुरु, 14 मई: दिल्ली (Delhi) से एक ट्रेन करीब 1,000 यात्रियों को लेकर बृहस्पतिवार को बेंगलुरु पहुंची. देश में सीमित रेल सेवा बहाल होने के बाद कर्नाटक (Karnataka) पहुंचने वाली यह पहली ट्रेन है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनकी स्टेशन परिसर में ही कोविड-19 (Covid-19) संबंधी जांच की गई.

दिल्ली से मंगलवार रात साढ़े नौ बजे रवाना हुई ट्रेन बृहस्पतिवार सुबह छह बजकर 40 मिनट पर यहां पहुंचने वाली थी, लेकिन यह 40 मिनट विलंब से पहुंची. एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की जांच के लिए 10 स्वास्थ्य जांच काउंटर बनाए गए हैं. यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकालने के दौरान रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों ने उन पर कड़ी नजर रखी.

यह भी पढ़ें: नई दिल्ली से आज भी रेलवे स्टेशन से रवाना होंगी 8 ‘स्पेशल ट्रेनें’, यात्रियों के लिए वेटिंग टिकट की सुविधा शुरू

दक्षिण पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, "यह देखकर अच्छा लगा कि सभी अनुशासन का पालन कर रहे थे और अंदर बैठे थे. कोई अफरातफरी नहीं मची." अधिकारियों ने बताया कि इन यात्रियों को पृथक-वास केंद्र ले जाया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जब तक ये यात्री 14 दिन तक पृथक-वास में नहीं रह लेते और कोविड-19 संबंधी जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि नहीं हो जाती कि वे संक्रमित नहीं है, तब तक उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जाएगा.

बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की करीब 15 बसें यात्रियों को पृथक-वास केंद्रों तक ले जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर खड़ी थीं. इन यात्रियों के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन के आस-पास 42 होटलों के 4,200 कमरे बुक किए गए हैं.

बेंगलुरु शहरी जिला उपायुक्त जी एल शिवमूर्ति ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हमने रेलवे स्टेशन में और इसके पास 90 होटलों को आरक्षित किया है. इन होटलों में रुकने की इच्छा रखने वाले यात्रियों को इसका खर्चा उठाना होगा. जो लोग होटल में नहीं रुकना चाहते हैं, उनके लिए अलग व्यवस्था की गई है." उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बेंगलुरु आने वाले लोगों को अनिवार्य तौर पर 14 दिन तक पृथक- वास में रहना होगा और कोविड-19 संबंधी जांच करानी होगी. आम लोगों को रेलवे स्टेशन परिसर में आने की मंजूरी नहीं है.

यात्री शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें पृथक में रहने संबंधी जानकारी पहले नहीं दी गई और न ही उन्हें पृथक होटलों की उपयुक्त सूची सौंपी गई. इसके अलावा यात्री ट्रेन के भीतर भी कई तरह की समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं. एक महिला यात्री ने कहा, "मै यहां अपनी बेटी से मिलने आई थी जो बीमार चल रही है. यहां पहुंचने के बाद मुझे बताया गया कि मुझे पृथक रहना है. रेलवे को यह पहले बताना चाहिए था कि हमें पृथक रखा जाएगा."

महिला ने आरोप लगाया कि ट्रेन में अच्छी व्यवस्था नहीं थी. पीने के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं था और साफ-सफाई के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं था. वहीं एक अन्य यात्री ने कहा कि रेलवे और राज्य प्रशासन ने उन्हें होटलों की उचित सूची नहीं सौंपी है, जिन्हें पृथक केंद्रों में बदला गया है. उन्होंने कहा, "जब हम सेवा के लिए पैसे चुका रहे हैं तो चुनने के लिए होटलों की सूची भी हमें सौंपनी चाहिए थी.''

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\