नयी दिल्ली, 27 नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने बुधवार को कहा कि वे संभल के मुद्दे पर संसद में चर्चा चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा की वजह बनने वाली घटनाओं की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की।
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा, ‘‘हम संभल में हुई घटना पर चर्चा चाहते हैं। हमारे कई सांसदों ने इस संबंध में अध्यक्ष को नोटिस दिया है। वहां लोगों के साथ पुलिस एवं प्रशासन के अमानवीय व्यवहार के बारे में हम सदन में बोलना चाहते हैं।’’
अदालत के आदेश पर कोट गर्वी इलाके में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर रविवार को हुए टकराव में चार लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए।
याचिका में दावा किया गया था कि जिस जगह पर मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।
संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान ने दावा किया कि घटना के समय वह मौके पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने नागरिकों पर गोलियां चलाने के लिए पुलिस और प्रशासन की आलोचना की। पुलिस ने सांसद का नाम भीड़ को कथित तौर पर उकसाने के लिए दर्ज प्राथमिकी में शामिल किया है।
प्राथमिकी में नामजद होने के बारे में पूछे जाने पर रहमान ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) सत्ता में हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं। मैं वहां मौजूद भी नहीं था। मैं बेंगलुरु में था और मुझे दंगों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पुलिस द्वारा मारे गए लोगों और उन लोगों के बारे में अधिक चिंतित हूं जिन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं उन लोगों के बारे में अधिक चिंतित हूं जिन्हें इसमें घसीटा जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक व्यक्ति डंडे से चोट खाकर गिर गया और फिर उस पर उन लोगों ने गोलियां चलाईं। वे भारत के नागरिक हैं, दुश्मन नहीं। यह हिंदू-मुस्लिम लड़ाई नहीं है। इसके पीछे कुछ असामाजिक तत्व हैं और बाकी पुलिस और प्रशासन ने किया।’’
रहमान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संभल का दौरा करना चाहिए।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि लोगों को प्रशासन द्वारा की जा रही जांच पर भरोसा नहीं है।
संभल हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच करायी जा रही है।
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