भुवनेश्वर, 27 नवंबर ओडिशा सरकार ने बुधवार को कहा कि उसका अदाणी समूह या किसी अन्य कंपनी को बोलनगीर और बारागढ़ जिलों में फैली गंधमर्दन पहाड़ियों में बॉक्साइट खनन की अनुमति देने का कोई इरादा नहीं है।
उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने यहां विधानसभा में यह बात कही।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि सरकार अदाणी समूह को गंधमर्दन में खनन गतिविधियां संचालित करने की अनुमति देने की योजना बना रही है, जो सरासर गलत है।
वहीं विपक्षी सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए केवी सिंह देव ने दावा किया कि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली बीजद सरकार ने अदाणी समूह को गंधमर्दन की तलहटी में प्रतिपूरक वनरोपण के लिए भूमि खरीदने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह आरोप लगाने से पहले कि भाजपा सरकार ने अदाणी समूह को गंधमर्दन पहाड़ियों के पास जमीन खरीदने की अनुमति दी, बीजद नेताओं को यह सत्यापित करना चाहिए कि किस सरकार ने कंपनी को जमीन खरीदने की अनुमति दी थी।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यह बीजद सरकार थी, न कि भाजपा जिसने अदाणी समूह को सुंदरगढ़ जिले में कंपनी की कोयला खनन परियोजना के कारण वन क्षेत्र के नुकसान की भरपाई के लिए बोलनगीर जिले में प्रतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि लेने की अनुमति दी थी।’’
इसबीच ओडिशा सरकार ने बुधवार को विधानसभा को सूचित किया कि सरकार ने 15 जून 2024 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से 1.77 लाख से अधिक ऐसे लाभार्थियों के नाम हटाए हैं जिनका निधन हो चुका है।
कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि 15 जून 2024 के बाद से ओडिशा में कोई भी फर्जी राशन कार्ड नहीं पकड़ा गया है।
ओडिशा के उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार उन गांवों में घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति काट देगी जहां लोग जानबूझकर बिजली का झटका देकर जानवरों का शिकार करते हैं।
सिंह देव ने यह बयान विधानसभा में भाजपा विधायक सिद्धांत महापात्रा के एक सवाल के जवाब में दिया।
वहीं विपक्षी दल बीजद और कांग्रेस विधायकों ने आम की गुठली का दलिया खाने से तीन आदिवासी महिलाओं की मौत का मामला उठाया और आरोप लगाया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली ध्वस्त हो गई है। उन्होंने दावा किया कि खाद्यान्न की कमी के कारण आदिवासी महिलाओं ने आम की गुठली का दलिया खाया था।
कंधमाल जिले के मंडीपांका गांव में कथित तौर पर खाद्यान्न की कमी के कारण लोगों द्वारा आम की गुठली का दलिया खाने के मुद्दे पर सदन में स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस के माध्यम से चर्चा की गई।
विपक्षी दल बीजद ने समय पर खाद्यान्न की आपूर्ति न होने के कारण तीन महिलाओं की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
हालांकि, ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री के.सी. पात्रा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि मंडीपांका की तीन आदिवासी महिलाओं की मौत भोजन की कमी के कारण नहीं बल्कि खाद्य विषाक्तता के कारण हुई।
मंत्री के इस्तीफे और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुचारू बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
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