नयी दिल्ली, 13 जुलाई दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने आखिरकार पांच दिनों की देरी के बाद मंगलवार को पूरे देश को आच्छादित कर लिया, जिससे दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई जहां बारिश नहीं होने के कारण लोग गर्मी से परेशान थे।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आमतौर पर 8 जुलाई को पूरे देश में दस्तक दे देता है।
इस साल, मॉनसून 12 जुलाई को दिल्ली से पहले राजस्थान के जैसलमेर और गंगानगर के अपने आखिरी पड़ावों पर पहुंचा। आमतौर पर, मॉनसून दिल्ली में आने के लगभग नौ दिन बाद 8 जुलाई को इन दोनों जिलों में पहुंचता है।
दिल्ली का मॉनसून का इंतजार आज इसके कुछ हिस्सों में बारिश के बाद खत्म हो गया। मौसम अधिकारियों का कहना है कि इसकी शुरुआत निर्धारित समय से दो सप्ताह की देरी से हुई है, जिससे यह 19 वर्षों में सबसे अधिक विलंबित हो गया है।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश में, कांगड़ा जिले की बोह घाटी में भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य के अभी मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है।
एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने सोमवार को चार लोगों को बचाया और अन्य लोगों को मलबे से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
भारी बारिश ने पहाड़ी राज्य में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
दिल्लीवासियों को सड़कों पर आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि भारी बारिश के कारण जलभराव के कारण यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई जिससे कई व्यस्त सड़कों पर वाहनों की कतार लग गई।
पिछले एक महीने के दौरान मौसम विभाग ने सटीक भविष्यवाणी करने के लिए संघर्ष किया कि मॉनसून राजधानी में कब पहुंचेगा और उसे तब तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा जब मॉनसून ने अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद कई बार दिल्ली वालों को निराश किया।
मंगलवार को मॉनसून आखिरकार राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा। सफदरजंग वेधशाला ने आज सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे के बीच 28.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की।
कुल मिलाकर, दिल्ली में अब तक सामान्य से 65 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिससे यह "वर्षा की बड़ी कमी" वाले राज्यों की श्रेणी में आ गया है।
केरल में, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के प्रभाव में राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी है और मौसम विभाग ने पहाड़ी इडुक्की जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट और 11 अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कोट्टायम, पतनमतिट्टा, कोल्लम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए मंगलवार के वास्ते येलो अलर्ट जारी किया है।
अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश के दतिया और श्योपुर जिलों में सोमवार को बिजली गिरने से एक नाबालिग लड़की सहित तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य झुलस गए। इससे पहले राज्य के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह की घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 11 घायल हो गए थे।
हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद तापमान सामान्य सीमा से नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के कई स्थानों पर बारिश हुई, जबकि अमृतसर और पटियाला सहित पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई।
हरियाणा के करनाल में दिन के दौरान (190 मिमी) बारिश हुई, जबकि हिसार, रोहतक, गुरुग्राम और भिवानी में भी बारिश हुई।
मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई।
ललितपुर, बरेली, कुशीनगर, झांसी, हाथरस, बुलंदशहर, कन्नौज, संत कबीर नगर, लखनऊ, सिद्धार्थ नगर, बांदा, महोबा, संभल और अलीगढ़ में बारिश हुई। फतेहगढ़ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां पारा 39.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
आईएमडी के अनुसार, इन परिस्थितियों के प्रभाव में, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में व्यापक वर्षा होने की संभावना है और अगले पांच दिनों के दौरान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है तथा 14 और 17 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में वर्षा होगी।
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