जयपुर, नौ जुलाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र व राज्यों के बीच मुद्दों के समाधान को देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय सहमति के मुद्दों पर शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।
उन्होंने आज जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
इसके साथ ही शाह ने कहा कि उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं और इसकी स्थायी समिति की 19वीं बैठक में कुल 47 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया।
शाह ने कहा, ‘‘यह सहकारी संघवाद की भावना से राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के संकल्प और कटिबद्धता को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि देश के विकास में क्षेत्रीय परिषदों का एक लंबा इतिहास रहा है और ये परिषद केंद्र तथा राज्य के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध, विवादित अंतरराज्यीय मुद्दों का आम सहमति से समाधान निकालने, राज्यों के बीच क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और देशभर में लागू किए जाने वाले साझा राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बात पर जोर रहा है कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकें नियमित हों, परिणामलक्षी हों और लंबित मुद्दों का समाधान निकाला जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में अंतरराज्यीय परिषद और केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के सभी मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे गति देने का काम कर रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र में राज्यों के बीच परस्पर और केंद्र तथा राज्यों के बीच समस्याओं का समाधान देश के विकास व संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, उत्तर क्षेत्रीय परिषद की आज जयपुर में हुई 30वीं बैठक और इसकी स्थायी समिति की 19वीं बैठक में कुल मिलाकर 47 मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें से चार मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिह्नित किया गया है। इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा हो रही है और इनकी निगरानी भी की जा रही है। जिन 47 मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें से 35 मामलों का समाधान निकाल लिया गया है।
बयान में कहा गया कि बैठक में सदस्य राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे की जटिल समस्या पर भी चर्चा हुई और शाह ने संबंधित राज्यों से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए समयबद्ध समाधान निकालने को भी कहा।
शाह ने कहा कि सभी भागीदार एक साथ मिलकर विकास के लिए एक मजबूत सहयोगी तंत्र की स्थापना करें और इस उद्देश्य से ही क्षेत्रीय परिषदों की रचना की गई। उन्होंने कहा कि वैसे तो परिषद की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि उनके तीन साल के अनुभव में परिषद में 75 प्रतिशत से ज्यादा मुद्दों का आम सहमति से समाधान किया गया है।
शाह ने कहा, ‘‘इस प्रकार से एक बहुत अच्छी प्रक्रिया शुरू हुई है और हम सबको इसे जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय सहमति के मुद्दों पर शत-प्रतिशत परिणाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय की सचिव, उत्तरी क्षेत्र में सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
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