कोच्चि, 16 जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पिछले वर्ष राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी के सिलसिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज मामले में स्वप्न सुरेश समेत सभी आरोपियों की जमानत याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करेगी।
आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने का विरोध करते हुए एजेंसी ने अदालत से कहा कि स्वप्न सुरेश और अन्य ने नवंबर 2019 से जून 2020 के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत 167 किलोग्राम सोने की तस्करी कर आतंकवादी कृत्य किया है क्योंकि वे जानते थे कि उनके इस कृत्य से देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने कहा कि इसने इस तरह की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की है ताकि इससे जुड़ी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार किया जा सके।
सुरेश ने एनआईए की अदालत द्वारा जमानत से इनकार किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इस याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने इसपर अपनी आपत्ति को लेकर बयान दाखिल किया।
एनआईए ने उच्च न्यायालय में यह भी कहा कि सुरेश और अन्य राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी में शामिल थे जबकि उनको एहसास था कि उनके इस कृत्य से भारत के यूएई के साथ रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उनके इस आतंकवादी कृत्य, और आतंकवादी संगठन की साजिश का हिस्सा बनने की वजह से गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम या यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई।
सुरेश ने जमानत याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज मामला कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में मुकदमा लंबा खिंच रहा है।
सुरेश, के टी रमीस, संदीप नायर और पी एस सारिथ समेत सात आरोपियों की जमानत याचिकाओं को एनआईए की विशेष अदालत ने 22 मार्च को खारिज कर दिया था।
तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर पिछले साल पांच जुलाई को वहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)के नाम भेजे गए राजनयिक सामान में 15 किलोग्राम सोना जब्त किए जाने के बाद कई केंद्रीय जांच एजेंसियां सोने की तस्करी मामले की जांच कर रही हैं।
एजेंसी ने यह तर्क सुरेश की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिया। सुरेश ने यह याचिका अधिवक्ता सूरज टी एलेनजिक्कल के माध्यम से दायर की है। याचिका में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के एनआईए अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है।
पीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एलेनजिक्कल ने कहा कि उनकी मुवक्किल करीब एक साल से हिरासत में है।
वकील ने यह जानकारी अदालत को तब दी जब पीठ ने कहा कि वह सुरेश की अर्जी पर सुनवाई 29 जुलाई तक टाल रही है, उसी दिन मामले के कुछ अन्य आरोपियों की अर्जी पर सुनवाई सूचीबद्ध है।
सुरेश ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है और सीमा शुल्क एवं पीएमएलए मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है जो सोना तस्करी की आपराधिक गतिविधियों से ही जुड़े हुए मामले हैं।
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