नयी दिल्ली, 18 नवंबर छोटे शहर कोरोनोवायरस महामारी के दौरान एफएमसीजी प्रमुख नेस्ले इंडिया के लिए 'हीरो' के रूप में उभरे हैं, जो कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने बुधवार को कहा कि बड़े महानगरों में 'कुछ हद तक खामोश' प्रदर्शन रहा है।
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छोटे मझोले शहरों और कस्बों में बड़े महानगरों के मुकाबले उसकी वृद्धि दर दोगुनी देखी जा रही है। यहां तक कि कंपनी ने अपने ग्रामीण बाजारों को इस साल शहरी समकक्षों से आगे निकलते देखा है।
नारायणन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमारे पांच लाख, एक लाख या एक लाख से नीचे की आबादी वाल छोटे शहर और कस्बे वास्तव में इस महामारी के नायक बने हैं।”
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उन्होंने कहा कि ये स्थान ‘बहुत मजबूती से वापस लौटे हैं’’। नारायणन ने कहा कि मेगा-महानगरों और महानगरों में तालाबंदी के कारण महामारी का प्रतिकूल प्रभाव अधिक महसूस हुआ, जहां खुदरा क्षेत्र में कभी काम रोका गया कभी शुरु किया गया।
नारायण ने कहा कि नेस्ले इंडिया के लिए, शहरी बाजार कुल कारोबार का लगभग 75-80 प्रतिशत योगदान देता है और शेष 20-25 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से आता है।
ग्रामीण बाजार में वृद्धि को बढ़ाने के लिए, उन्होंने कहा कि कंपनी ने गांवों में अपने वितरण नेटवर्क को बढ़ाया है।
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