भुवनेश्वर, 16 जुलाई ओडिशा के रायगढ़ा जिले में कई गांवों में खुले जल स्रोतों से दूषित पानी पीने के कारण डायरिया से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 71 अन्य अस्पताल में भर्ती हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
इस घटना को लेकर राज्य विधानसभा में हंगामा हुआ और विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान देने की मांग की है। पिछले तीन दिनों में काशीपुर ब्लॉक के विभिन्न गांवों में दूषित जल पीने से लोगों की मौत होने की खबरें हैं।
इन गांवों का 11 चिकित्सकों के एक दल ने दौरा किया और पानी तथा रक्त के नमूने एकत्र किये और उसे जांच के लिए भेजा है।
अधिकारियों ने बताया कि दूषित जल पीने से बीमारी की पहली सूचना मलीगुड़ा गांव से आई और बाद में दुदुकाबहाल, टिकरी, गोबरीघाटी, राउतघाटी और जलखुरा से भी ऐसी सूचनाएं आईं।
उन्होंने कहा कि डांगसील, रेंगा, हदीगुड़ा, मेकांच, संकरदा और कुचिपादार गांव में भी कई लोग डायरिया से पीड़ित हैं और उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा है।
खुले जलस्रोतों से पानी पीने के बाद बीमार पड़े 71 लोगों में से 46 का टिकरी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। इसके अलावा काशीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 और थातिबार स्वास्थ्य केंद्र में एक आश्रम स्कूल की 11 लड़कियों का उपचार किया जा रहा है। एक मरीज की हालत बिगड़ने के बाद उसे कोरापुट के एसएलएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया।
रायगढ़ा के जिलाधिकारी स्वधादेव सिंह और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) डॉ लालमोहन राउत्रे ने चिकित्सा केंद्रों का दौरा किया और मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
सीडीएमओ ने बताया कि मलीगुड़ा में एक खुले कुएं का पानी दूषित पाया गया और संबंधित अधिकारियों से गांवों के लिए पानी के वैकल्पिक स्रोत का प्रबंध करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि अन्य गांवों में भी पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा। काशीपुर ब्लॉक में पानी से जनित बीमारियों का इतिहास रहा है। वर्ष 2008 में डायरिया से लगभग सौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2010 में भी हैजा से 100 लोगों की जान चली गई थी।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया और कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने मुख्यमंत्री पटनायक से इस विषय पर बयान देने की मांग की।
मिश्रा ने कहा कि अनाज की कमी के कारण जंगली फल खाने से भी लोग बीमार पड़े होंगे। कांग्रेस के सचेतक ताराप्रसाद बहिनीपति ने दावा किया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कारण बहुत से परिवारों को अनाज नहीं मिला क्योंकि उनका राशन कार्ड खो गया था।
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