सीतारमण और येलेन ने धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के मुद्दों पर की चर्चा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी अमेरिकी समकक्ष जेनेट येलेन के साथ बृहस्पतिवार को अवैध आर्थिक गतिविधियों, धन शोधन से निपटने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ‘भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी’ (ईएफपी) की आठवें दौर की बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत हुई.
वाशिंगटन, 15 अक्टूबर : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी अमेरिकी समकक्ष जेनेट येलेन के साथ बृहस्पतिवार को अवैध आर्थिक गतिविधियों, धन शोधन से निपटने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ‘भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी’ (ईएफपी) की आठवें दौर की बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत हुई. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया कि सीतारमण और येलेन ने अवैध आर्थिक गतिविधियों, धन शोधन से निपटने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के मुद्दों पर जोर दिया. दोनों देशों ने इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया. बयान में कहा गया, ‘‘ हम अधिक जानकारी साझा करने और समन्वय के माध्यम से धन शोधन से निपटने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने में अपने सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे.
दोनों पक्ष वित्तीय अपराधों से निपटने के महत्व पर और हमारी वित्तीय प्रणालियों को दुरुपयोग से बचाने के लिए ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ मानकों के प्रभावी कार्यान्वयन पर सहमत हैं.’’ कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद ‘भारत-अमेरिका आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी’ (ईएफपी) की पहली बैठक में दोनों देश सीमा पार धन के लेनदेन, भुगतान प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र के विकास जैसे उभरते वित्तीय क्षेत्रों पर आगे भी भागीदारी करने को सहमति हुए. सीतारमण और येलेन के अलावा बैठक में ‘फेडरल रिजर्व सिस्टम’ के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हुए. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मर के पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद
सीतारमण और येलेन ने वैश्विक आर्थिक मुद्दों को हल करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों तरह से संबंध जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. दोनों नेताओं ने कोविड-19 संकट के जीवन और आजीविका पर पड़े प्रभाव को भी रेखांकित किया. बयान में कहा गया, ‘‘ हम सहायक नीतियों को तब तक कायम रखने पर सहमत हुए जब तक कि मजबूत एवं समावेशी सुधार मजबूती से स्थापित नहीं हो जाते.’’