सुनचियोन, सात अप्रैल दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने जापान की आया ओहोरी के खिलाफ सीधे गेम में जीत के साथ गुरुवार को यहां कोरिया ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई लेकिन लक्ष्य सेन और मालविका बंसोड़ दूसरे दौर के अपने अपने मुकाबले हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए।
दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने दुनिया की 26वें नंबर की खिलाड़ी ओहोरी को एकतरफा मुकाबले में 21-15 21-10 से हराया। ओहोरी के खिलाफ अब तक हुए सभी 12 मुकाबलों में सिंधू ने जीत दर्ज की है।
तीसरे वरीय सिंधू अगले दौर में थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरुंगफान से भिड़ेंगी जिन्हें उन्होंने पिछले महीने स्विस ओपन के फाइनल में हराया था।
इस सत्र में सैयद मोदी इंटरनेशनल और स्विस ओपन के रूप में दो सुपर 300 टूर्नामेंट जीतने वाली पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने दुनिया की 17वें नंबर की थाईलैंड की खिलाड़ी ओंगबामरुंगफान के खिलाफ 17 में से 16 मुकाबले जीते हैं और सिर्फ एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य को पुरुष एकल में अपने से कम रैंकिंग वाले इंडोनेशिया के शेसार हिरेन रुस्तावितो के खिलाफ सीधे गेम में 33 मिनट में 20-22 9-21 से हार झेलनी पड़ी।
उभरती हुई खिलाड़ियों में शामिल मालविका बंसोड़ भी क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं। उन्हें महिला एकल के दूसरे दौर में थाईलैंड की पोर्नपावी चोचुवोंग के खिलाफ 39 मिनट में 8-21 14-21 से शिकस्त मिली।
सुमित रेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी टूर्नामेंट से बाहर हो गई। भारतीय जोड़ी को ओउ शुआन यी और हुआंग या कियोंग की चीन की पांचवीं जोड़ी के खिलाफ लगभग एक घंटा चले कड़े मुकाबले में तीन गेम में 20-22 21-18 14-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
सिंधू को 37 मिनट चले दूसरे दौर के मुकाबले में जीत के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी। भारतीय खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की और पहले गेम में ओहोरी सिर्फ एक बार 8-7 के स्कोर पर मामूली बढ़त बनाने में सफल रही। सिंधू ने हालांकि इसके बाद वापसी करते हुए पहला गेम आसानी से जीत लिया।
जापान की खिलाड़ी ने दूसरे गेम में 8-4 की बढ़त के साथ वापसी करने की कोशिश की लेकिन सिंधू ने अगले 19 में से 17 अंक जीतकर गेम और मैच अपने नाम किया।
जर्मन ओपन और आल इंग्लैंड चैंपियनशिप में रूप में लगातार दो फाइनल में जगह बनाने वाले छठे वरीय लक्ष्य और रुस्तावितो के बीच पहले गेम में कड़ा संघर्ष देखने को मिला जिसमें इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने बाजी मार ली।
दूसरे गेम में रुस्तावितो ने 20 साल के भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं देते हुए मैच जीत लिया।
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