देश की खबरें | सिद्धरमैया ने स्टालिन को पत्र लिखा, शिवकुमार से ‘परिसीमन विरोधी’ बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया

बेंगलुरु, 13 मार्च कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ द्रमुक मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाले विरोध को समर्थन दिया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए चेन्नई में आयोजित बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को लिखे पत्र में सिद्धरमैया ने कहा कि वह पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

उन्होंने 13 मार्च को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मुझे आपका सात मार्च का पत्र मिला जिसमें राज्यों की स्वायत्तता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं, जिसका हमारी राजनीति के सिद्धांतों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से, जनसंख्या मानदंडों के आधार पर संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के मुद्दे पर समान विचारधारा वाले राज्यों द्वारा विस्तार से चर्चा किए जाने की आवश्यकता है। मैं बैठक में भाग लेना चाहता हूं, लेकिन अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण ऐसा करने में असमर्थ हूं।’’

मुख्यमंत्री ने 22 मार्च को होने वाली बैठक के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मैंने उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से विचार-विमर्श में भाग लेने का अनुरोध किया है।’’

बुधवार को तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोनमुडी और राज्यसभा सदस्य मोहम्मद अब्दुल्ला इस्माइल ने सिद्धरमैया से उनके निवास ‘कावेरी’ में मुलाकात की, ताकि ‘‘केंद्र सरकार के लोकतंत्र विरोधी और दक्षिण विरोधी रुख’’ के खिलाफ जारी प्रदर्शनों पर चर्चा की जा सके।

द्रमुक के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र के ‘‘लोकतंत्र और संघवाद को कमजोर करने’’ के कथित प्रयास की निंदा की।

द्रमुक परिसीमन के मुद्दे पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं सहित विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क कर रहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)