West Bengal: कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष की पत्नी शिखा मित्रा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुईं
कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा रविवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में दोबारा शामिल हो गईं. मित्रा ने दावा किया कि उन्होंने वर्ष 2014 में तृणमूल कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आधिकारिक रूप से कभी पार्टी नहीं छोड़ी थी.
कोलकाता,29 अगस्त : कांग्रेस की पश्चिम बंगाल (West Bengal) इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा रविवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में दोबारा शामिल हो गईं. मित्रा ने दावा किया कि उन्होंने वर्ष 2014 में तृणमूल कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आधिकारिक रूप से कभी पार्टी नहीं छोड़ी थी. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा,‘‘मेरे पति को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन मैंने सक्रिय राजनीति से अवकाश लिया था. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गर्मजोशी और सादगी से प्रभावित हूं,जिन्होंने मुझसे संपर्क पर सक्रिय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करने का अनुरोध किया. मैंने फैसला किया कि अगर मैं सक्रिय राजनीति में दोबारा आती हूं, तो वह उनके अधीन होगा.’’
सात साल पहले तृणमूल कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देने के सवाल पर मित्रा ने कहा, ‘‘उस समय कुछ मतभेद उभर आए थे लेकिन उन्हें सुलझा लिया गया है. मेरे पति के निधन के बाद ममता बनर्जी ने मुझसे संपर्क किया और मेरे संबंध उनके साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण रहे हैं.’’ उल्लेखनीय है कि इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मित्रा को कोलकाता की चौरंगी सीट से अपना उम्मीदवार नामित किया था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उस घटना के बारे में मित्रा ने कहा, ‘‘ मेरा हमेशा से मानना है कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है.’’ तृणमूल कांग्रेस सांसद माला रॉय और चौरंगी सीट से पार्टी विधायक नयना बंदोपाध्याय ने पार्टी मुख्यालय तृणमूल भवन में मित्रा और दो स्थानीय कांग्रेस नेताओं का स्वागत किया.
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि क्यों शिखा मित्रा ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए कांग्रेस को छोड़ा. वह पहले भी तृणमूल कांग्रेस पार्टी में थीं और कांग्रेस में शामिल हुई थीं, लेकिन अब वह तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गई हैं. यह उनका निजी फैसला है. मैंने हमेशा उनका सम्मान किया है.’’ गौरतलब है कि पिछले साल सोमेन मित्रा की मौत के बाद चौधरी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की प्रदेश इकाई और मित्रा व उनके बेटे रोहन के बीच मतभेद सामने आ गया था. दोनों ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से भी संपर्क किया था. रोहन मित्रा ने इस साल जुलाई में राज्य कांग्रेस महासचिव के पद से त्यागपत्र दे दिया था, लेकिन वह अब भी पार्टी में बने हुए हैं.