देश की खबरें | शशि थरूर : अपनी शर्तों पर चलने वाला मुखर नेता

नयी दिल्ली, 30 सितंबर तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर यह दिखा दिया कि वह कोई ‘क्वॉकरवोज़र’ नहीं हैं। ‘क्वॉकरवोज़र’ थरूर का ही ईजाद किया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ एक प्रभावशाली तीसरे पक्ष के इशारों पर काम करने वाला व्यक्ति होता है।

बेस्टसेलर किताबों के लेखक, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजनयिक और 83 लाख से अधिक फॉलोअर के साथ सोशल मीडिया की सबसे लोकप्रिय हस्तियों में शुमार थरूर ने वास्तव में यह साबित किया है कि वह किसी ‘क्वॉकरवोज़र’ (कठपुतली के लिए प्रयुक्त राजनीतिक शब्दावली) के बिल्कुल विपरीत हैं और स्वतंत्र सोच वाले एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपनी शर्तों पर चलता है।

जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने वाले संभावित चेहरों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था और पार्टी के उनके ज्यादातर सहयोगी विचार-विमर्श और मंथन की प्रक्रिया में जुटे थे, तब थरूर पहले ऐसे नेता के रूप में सामने आए, जिसने यह चुनाव लड़ने की घोषणा की।

66 वर्षीय थरूर ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पर कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकारी मधुसूदन मिस्त्री के कार्यालय में गांधी परिवार के वर्चस्व वाली पार्टी के शीर्ष पद के लिए होने वाले चुनाव के वास्ते अपना नामांकन दाखिल किया।

थरूर फिलहाल कांग्रेस में एक बागी नेता के रूप में देखे जाते हैं। वह 2020 में पार्टी संगठन में बड़े पैमाने पर सुधार की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले ‘जी-23’ समूह के नेताओं में शामिल हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में थरूर का मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे से है, जिन्हें बड़े पैमाने पर वरिष्ठ नेताओं का समर्थन हासिल होने की खबरें हैं और जिनकी जीत की संभावना काफी अधिक मानी जा रही है।

थरूर ने ‘पीटीआई-’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, “कांग्रेस सब कुछ ठीक करने में जितना ज्यादा समय लेगी, हमारे पारंपरिक वोट बैंक के लगातार खिसकने और उसके हमारे राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों की ओर आकर्षित होने का जोखिम उतना ही अधिक रहेगा।”

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