SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सिख कैदियों की रिहाई को लेकर उप राष्ट्रपति धनखड़ को सौंपा ज्ञापन
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक ज्ञापन देकर विभिन्न जेलों में बंद उन सिखों को रिहा करने की मांग की जो सजा पूरी होने के बावजूद कारागार में हैं।
अमृतसर, 26 अक्टूबर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक ज्ञापन देकर विभिन्न जेलों में बंद उन सिखों को रिहा करने की मांग की जो सजा पूरी होने के बावजूद कारागार में हैं. धनखड़ यहां एक दिन के दौरे पर पहुंचे थे और उन्होंने अपने परिवार के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका. एसजीपीसी प्रमुख धामी ने ज्ञापन में कहा है कि सिख कैदी अपनी सजा पूरी होने के बावजूद लगभग तीन दशकों से विभिन्न जेलों में बंद हैं और यह सिख समुदाय के साथ एक ‘‘बड़ा अन्याय’’ है. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी लंबे समय से लोकतांत्रिक तरीकों से सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रही है.
धामी ने कहा कि सिख कैदियों के मुद्दे पर एसजीपीसी ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, दिल्ली और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के लिए पत्र भी भेजे थे, लेकिन सिख संस्था को कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली. एसजीपीसी प्रमुख ने कहा, ‘‘ऐसा महसूस किया जा रहा है कि सिख कैदियों को रिहा नहीं करके उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने मांग की है कि उपराष्ट्रपति इस पर संज्ञान लें और केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों को सिख कैदियों की रिहायी के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एसजीपीसी प्रमुख को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को उठाएंगे. यह भी पढ़े: 1984 सिख विरोधी दंगाः 34 साल बाद कोर्ट का आया फैसला, दोषी यशपाल को फांसी और नरेश को उम्र कैद
धनखड़ ने स्वर्ण मंदिर में आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘आज दरबार साहिब का दौरा करके धन्य हो गया। यहां की शांति, भक्ति और सेवा की भावना एक अविस्मरणीय अनुभव है. उन्होंने लिखा, ‘‘हमारे महान गुरुओं की उदात्त आध्यात्मिक परंपरा का एक चमकता प्रतीक, हरमंदिर साहिब प्रेम, मानवता, करुणा और भाईचारे का संदेश देता रहा है। हमारे गुरुओं और मानवता की सेवा के लिए उनके शाश्वत संदेश को मेरा नमन.
इससे पहले, धनखड़ ने अपने दौरे के दौरान 'लंगर' छका और बर्तन धोने की ‘सेवा’ की। उन्होंने स्वर्ण मंदिर में कुछ समय के लिए 'गुरबानी कीर्तन' भी सुना. स्वर्ण मंदिर में एक सूचना अधिकारी ने उपराष्ट्रपति को मंदिर के इतिहास के बारे में बताया. सूचना केंद्र पर एसजीपीसी प्रमुख ने धनखड़ को 'सिरोपा', श्री हरमंदिर साहिब का मॉडल और साहित्य भेंट किया.
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