नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर भारत और चीन के बीच सातवें दौर की सैन्य वार्ता “सकारात्मक और रचनात्मक” रही तथा दोनों पक्ष अपने नेताओं द्वारा मतभेदों को विवादों में न बदलने की आपसी समझ को क्रियान्वित करने पर सहमत हुए।
दोनों सेनाओं की ओर से मंगलवार को जारी एक संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई।
वास्तविक नियंत्रण के भारतीय क्षेत्र में स्थित चुशुल में लगभग 12 घंटे चली वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के तरीकों पर चर्चा की।
भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पांच महीने से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति में हैं।
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संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने पर गंभीर, व्यापक और रचनात्मक बातचीत की।”
वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों इस पर सहमत हुए कि यह वार्ता “सकारात्मक, रचनात्मक” रही और इससे एक दूसरे की स्थिति के प्रति बनी आपसी समझ में वृद्धि हुई।
वक्तव्य में कहा गया, “दोनों पक्ष सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बरकरार रखने और यथाशीघ्र सैनिकों की वापसी के लिए दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए।”
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