सुल्तानपुर (उप्र), छह अगस्त उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में किशोरी का यौन शोषण करने और वेश्यावृत्ति कराने की धमकी देकर उसे आत्महत्या करने के लिए विवश करने के दोषी करार दिये गये तीन सगे भाइयों को यहां की एक अदालत ने 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, और प्रत्येक के खिलाफ 31,000 रुपये जुर्माना भी लगाया है।
मामले का आरोपी और चौथा भाई नाबालिग है और उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है।
शासकीय अधिवक्ता संजय सिंह ने बताया कि कुड़वार थाना क्षेत्र के मंगापुर मजरे सरकौड़ा के रहने वाले चार सगे भाइयों के खिलाफ गम्भीर धाराओं में नौ जून 2010 को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
उन्होंने बताया कि इन चार लोगों पर आरोप था कि इसी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति की पुत्री के साथ उन्होंने दुराचार कर उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया । इस मामले में न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 31,000 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है।
घटना के दिन पीड़िता का पिता पड़ोस के एक गांव में रामचरित मानस का पाठ पढ़ने गया था, उसी दौरान उसकी 14 वर्षीय पुत्री की तबीयत खराब होने की उसे सूचना मिली, जिस पर वह जब अपने घर पहुंचा तो पता चला कि उसकी पुत्री ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर लिया है।
घायल अवस्था में उनकी पुत्री ने बताया कि उसी गांव के रहने वाले सगे भाई सोनू, पप्पू उर्फ शकील, कलीम और अलीम करीब एक माह से उसका यौन शोषण कर रहे थे, और विरोध करने पर उसके परिवार वालों को जान से मार डालने की धमकी दे रहे थे।
आरोपी सोनू ने घटना के दिन पीड़िता से उसे बाहर भेजकर वेश्यावृत्ति का काम कराने की बात कही थी, इसी बात से परेशान होकर पीड़िता ने खुद को आग के हवाले कर लिया।
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