मुंबई, पांच अगस्त स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 2,200 अंक से अधिक का गोता लगा गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट आई। दुनिया के अन्य देशों के शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बैंक, आईटी, धातु तथा तेल एवं गैस शेयरों में चौतरफा बिकवाली से बाजार नीचे आया।
इस गिरावट से निवेशकों को एक दिन में 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़क कर एक महीने से अधिक के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चार जून, 2024 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन यह 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 अंक पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 824 अंक लुढ़क कर 23,893.70 अंक तक आ गया था। निफ्टी में भी चार जून के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन आम चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी।
सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। इस प्रकार, पिछले दो कारोबारी सत्रों में दोनों मानक सूचकांकों में करीब चार प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को घटकर 441.84 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। निवेशकों को शुक्रवार को 4.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस प्रकार, दो दिनों में उन्हें 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 4.21 प्रतिशत तथा मझोली कंपनियों से संबद्ध मिडकैप 3.60 प्रतिशत नीचे आया।
विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर जापान में निक्की 12 प्रतिशत से अधिक टूट गया। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार धारणा प्रभावित हुई है।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में तेज गिरावट आई।
जापान का मानक सूचकांक सोमवार को 12.4 प्रतिशत लुढ़क गया। दुनिया के अन्य बाजारों में भी कमोबेश यही स्थिति रही। इसका कारण निवेशकों में आशंका है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है।
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कंपनियों में नियुक्तियां उम्मीद के मुकाबले पिछले महीने धीमी रही।
सोमवार को जापान का निक्की 4,451.28 अंक टूटकर 31,458.42 अंक पर बंद हुआ। यह शुक्रवार को 5.8 प्रतिशत टूटा था। कुल मिलाकर दो दिन में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। इससे पहले, 19 अकटूबर, 1987 को यह 3,836 अंक यानी 14.9 प्रतिशत टूटा था। उस समय वैश्विक बाजारों में गिरावट को ‘काला सोमवार’ नाम दिया गया था।
यूरोपीय बाजारों में कारोबार के दौरान तेज गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को उल्लेखनीय गिरावट थी।
सेंसेक्स के शेयरों में टाटा मोटर्स सात प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, पावरग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील और मारुति में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।
हालांकि, हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले के शेयर लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में रोजगार के आंकड़े निराशाजनक रहने से मंदी तथा येन की विनिमय दर में तेज वृद्धि से ‘कैरी ट्रेड’ यानी सस्ती दर पर उधार लेकर दूसरे देशों की संपत्तियों में निवेश रुकने की आशंकाओं को लेकर निवेशकों के बीच सतर्क रुख के साथ वैश्विक बाजारों में जोरदार गिरावट रही।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 3,310 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में मंदड़िये हावी रहे। जापान में ब्याज दर बढ़ने के कारण येन ‘कैरी ट्रेड’ की स्थिति पलटने की आशंका बाजार गिरने का शुरुआती कारण था। अमेरिका में रोजगार के आंकड़ों ने स्थिति और खराब की है। इससे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ी है। इन सबसे बाजार धारणा प्रभावित हुई।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.33 डॉलर प्रति बैरल रहा।
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