जरुरी जानकारी | सेंसेक्स ने रचा इतिहास, पहली बार 60,000 अंक के पार, इस साल हुई दस हजार अंक की रिकार्ड वृद्धि

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कोरोना वायरस महामारी के दौर से उबरते हुये देश के शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। निवेशकों की लिवाली जारी रहने से बीएसई सेंसेक्स 163 अंक की बढ़त के साथ पहली बार 60,000 के स्तर को पार कर एतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बावजूद निवेशकों के बैंक, वित्त और वाहन शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आयी।

मुंबई, 24 सितंबर कोरोना वायरस महामारी के दौर से उबरते हुये देश के शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। निवेशकों की लिवाली जारी रहने से बीएसई सेंसेक्स 163 अंक की बढ़त के साथ पहली बार 60,000 के स्तर को पार कर एतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बावजूद निवेशकों के बैंक, वित्त और वाहन शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आयी।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 163.11 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ अब तक के उच्चतम स्तर 60,048.47 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 60,333 के उच्च स्तर तक चला गया था।

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 30.25 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकार्ड 17,853.20 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 17,947.65 अंक तक पहुंच गया था।

सेंसेक्स ने 1,000 अंक से 60,000 अंक के एतिहासिक स्तर तक पहुंचने में 31 साल से कुछ अधिक समय लिया। मानक सूचकांक 25 जुलाई, 1990 को 1,000 अंक पर था और यह करीब 25 साल में चार मार्च, 2015 को 30,000 के स्तर पर पहुंचा। उसके बाद 30,000 से 60,000 के स्तर पर पहुंचने में उसे छह साल से थोड़ा अधिक समय लगा। यह बाजार में जारी जोरदार तेजी को बताता है। सेंसेक्स में आखिरी 10,000 अंक की वृद्धि रिकार्ड गति से हुई है। बाजार इस साल जनवरी में ही 50,000 के स्तर पर पहुंचा था।

बीएसई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान ने कहा, ‘‘सेंसेक्स आज 60,000 अंक पर पहुंच गया। यह भारत की वृद्धि की संभावना को दर्शाता है। साथ ही जिस तरीके से भारत कोविड अवधि के दौरान एक विश्व नेता के रूप उभरा है, उसे भी अभिव्यक्त करता है... इसके अलावा दुनियाभर में सरकारों ने अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा प्रसार किया और वित्तीय नीतियों को उदार बनाया, उससे भी शेयर बाजारों में गतिविधियां बढ़ी हैं।’’

सेंसेक्स के शेयरों में 3.72 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में एशियन पेंट्स रहा। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, मारुति और इन्फोसिस में भी प्रमुख रूप से तेजी रही।

दूसरी तरफ, गिरावट वाले शेयरों में टाटा स्टील, एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईटीसी, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस शामिल हैं। इनमें 3.60 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

वाटरफील्ड एडवाइजर्स के मुख्य निवेश अधिकारी (सूचीबद्ध निवेश) नीमेश शाह ने कहा, ‘‘बाजार में शेयरों का मूल्यांकन ऊंचा है लेकिन दूसरी तरफ आर्थिक वृद्धि अनुकूल है...।’’

उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिये हमारा सुझाव है कि वे निवेश को संतुलित कर सकते हैं। वे मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में निवेश कम कर या उससे बाहर निकलकर दीर्घकालीन स्तर पर बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। कई मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों का मूल्यांकन उच्च स्तर पर पहुंच गया है।

सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 1,032.58 अंक यानी 1.74 प्रतिशत जबकि निफ्टी 268.05 अंक यानी 1.52 प्रतिशत मजबूत हुआ।

कोटक बैंक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘60,000 के स्तर पर भी निवेशक मध्यम से लंबी अवधि के लिये प्रबंधन और वृद्धि के लिहाज से मजबूत कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।’’

चीन के एवरग्रांड समूह को लेकर चिंता से वैश्विक बाजारों में शुक्रवार को कमजोर रुख रहा। कंपनी ने बांड ब्याज भुगतान में चूक की है।

नाइट फ्रेंक इंडिया के पूंजी बाजार, कार्यकारी निदेशक शरद अग्रवाल ने आज के कारोबार में बीएसई रियल्टी सूचकांक के चार हजार के स्तर को छू जाने पर कहा कि बड़े डेवलपर ने महामारी के दौरान बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की है। पूंजी जुटाकर उन्होंने कर्ज कम किये हैं, संपत्ति की बिक्री की है और दूसरे तरीके अपनाये हैं। वह अब बाजार में आगे बढ़ने और वृद्धि हासिल करने के लिये बेहतर स्थिति में हैं।

एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, सियोल और हांगकांग नुकसान में रहें जबकि तोक्यो में तेजी रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत मजबूत होकर 77.43 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इधर घरेलू बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 4 पैसे फिसलकर 73.68 रुपये पर बंद हुई।

शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बृहस्पतिवार को पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहें। उन्होंने 375.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

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