जम्मू, 20 मई जम्मू-कश्मीर में दिनों-दिन सुरक्षा हालात खराब होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पर्यटन गतिविधियों और श्रीनगर के लिए उड़ानों की संख्या को संघ शासित प्रदेश में हालात सामान्य होने से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि डर की स्थिति ऐसी है कि कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़कर कश्मीर से भागने को तैयार हैं।
कश्मीरी पंडित राहुल भट की बडगाम के चादूरा में 12 मई को आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
यहां पार्टी कार्यालय में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उड़ानें और पर्यटन हालात सामान्य होने का संकेत नहीं है। हालात सामान्य होने का मतलब है कि डर और आतंक नहीं होना चाहिए। कश्मीरी पंडितों को नहीं भागना चाहिए। वे अपनी नौकरियां छोड़ने को तैयार हैं। क्या यह सामान्य हालात है?’’
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने न्याय पाने के उद्देश्य से गुपकर नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘‘गुपकर नेताओं ने उपराज्यपाल से भेंट कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि वे (कश्मीरी पंडित) घाटी ना छोड़ें। यह सामान्य हालात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई कर्मचारी अपने ही भीड़ भरे कार्यालय में अपनी ही सीट पर निशाना बन जाए, या पुलिसकर्मी अपने ही घर पर मारा जाए, अगर यह नया सामान्य हालात है, फिर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मुझे तकलीफ हो रही है कि मासूम लोगों की एक के बाद हत्या की जा रही है। अल्पसंख्यकों की हत्या की जा रही है। पुलिसकर्मियों की हत्या की जा रही है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)