जरुरी जानकारी | अडाणी समूह को सेबी के नोटिस से भाजपा के झूठे दावे का खोखलापन उजागरः कांग्रेस

नयी दिल्ली, तीन मई कांग्रेस ने अडाणी समूह की सात कंपनियों को बाजार नियामक सेबी की तरफ से नोटिस भेजे जाने पर शुक्रवार को कहा कि यह उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति के हाथों 'क्लीन चिट' दिए जाने के समूह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'झूठे दावे का खोखलापन' उजागर करता है।

अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से सात को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संबंधित-पक्ष लेनदेन के कथित उल्लंघन और सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है। इन कंपनियों ने सेबी से मिले नोटिस के बारे में शेयर बाजार को जानकारी दी है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ''कई वर्षों तक हीला-हवाली करने के बाद और उच्चतम न्यायालय की तरफ से कार्रवाई के लिए मजबूर किए जाने के बाद सेबी ने अडाणी समूह की कई कंपनियों को संबंधित-पक्ष लेनदेन के कथित उल्लंघन, सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन न करने और ऑडिटर प्रमाणपत्रों की वैधता के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "ये वही कंपनियां हैं जिनके ऑडिटरों ने कई संदेहास्पद लेनदेन पर 'योग्य राय' दी हुई है। अडाणी पोर्ट्स की ऑडिटर डेलॉयट हैस्किन्स एंड सेल्स ने मई, 2023 में 2022-23 के वित्तीय विवरण पर विशेष रूप से चिह्नित कई लेनदेनों पर एक योग्य राय दी थी। इनमें से कई लेनदेन पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सवाल उठाए थे। फिर ऑडिटर ने अगस्त, 2023 में फर्म के ऑडिटर पद से इस्तीफा दे दिया था।”

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि सेबी ने 25 अगस्त, 2023 को उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति को बताया था कि वह 13 संदिग्ध लेनदेन की जांच कर रहा है।

रमेश ने दावा किया कि यह जांच कारण बताओ नोटिस के रूप में सामने आई है जो कानूनी कार्रवाई की दिशा में पहला कदम है।

रमेश ने कहा, "सेबी की कार्रवाई एक बार फिर अडाणी समूह, भाजपा और उनके समर्थकों के उस झूठे दावे के खोखलेपन को दर्शाती है कि उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति ने 'क्लीन चिट' दे दी है। सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता है।"

कांग्रेस महासचिव ने कहा, "अडाणी महाघोटाला में कई अन्य पहलू हैं जो जांच के दायरे में हैं। चाहे वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग हो जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र की संपत्तियों को प्रधानमंत्री के करीबी दोस्तों को बेचने के लिए मजबूर किया जा सके या फिर बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य जगहों पर अडाणी को अनुबंध देने के लिए हमारे राजनयिक संसाधनों के इस्तेमाल का मामला हो।"

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जरूरत होगी जो जून में इंडिया गठबंधन की सरकार के कार्यभार संभालते ही गठित की जाएगी।

कांग्रेस अडाणी समूह पर बीजेपी सरकार से गलत ढंग से फायदा लेने का आरोप लगाते हुए लगातार हमलावर रही है। प्रमुख विपक्षी दल अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों की जेपीसी से जांच कराने की मांग करती रही है।

हालांकि अडाणी समूह ने जनवरी, 2023 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह नियमों का पालन करता रहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)