नयी दिल्ली, नौ जुलाई बाजार नियामक सेबी ने बायोकॉन के शेयर में भेदिया कारोबार गतिविधियों को लेकर अलेग्रो कैपिटल और उसके एक वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी को प्रतिभूति बाजार से एक साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया है।
साथ ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें गलत तरीके से अर्जित राशि ब्याज समेत लौटाने को कहा है। यह राशि 24 लाख रुपये से अधिक है।
सेबी के इस फैसले के बाद, बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने नियामक से भेदिया कारोबार मामले में विवेकपूर्ण तरीके से काम करने को कहा।
नियामक के आठ जुलाई के आदेश के अनुसार अलेग्रो कैपिटल और उसके निदेशक के साथ-साथ बड़े शेयरधारक कुणाल अशोक कश्यप पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
उन्हें 19 जनवरी, 2018 से भुगतान की तारीख तक 12 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ 24,68,751 रुपये देने होंगे।
नियामक के अनुसार अलेग्रो कैपिटल का बायोकॉन के साथ अस्थायी व्यापारिक संबंध था और कश्यप ने मजूमदार शॉ मेडिकल फाउंडेशन में भी निदेशक का पद संभाला था।
बायोकॉन ने 18 जनवरी, 2018 को अगली पीढ़ी के बॉयोसिमिलर (प्राकृतिक स्रोतों से निर्मित) पर सैंडोज के साथ एक विशेष वैश्विक सहयोग की घोषणा की थी।
सेबी ने पाया कि घोषणा के बाद कंपनी के शेयर 5.6 फीसदी चढ़े।
बाद में, नियामक ने यह पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की कि क्या उन व्यक्तियों / संस्थाओं ने बायोकॉन के शेयरों में कारोबार किया है, जिनके पास मूल्य से जुड़ी संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) थी और क्या उन्होंने सेबी के नियमों का उल्लंघन किया।
सेबी के इस फैसले के बाद, बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने नियामक से भेदिया कारोबार मामले में विवेकपूर्ण तरीके से काम करने को कहा।
मजूमदार शॉ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सेबी ने अलेग्रो कैपिटल, उसके सीईओ को बायोकॉन के शेयर के भेदिया कारोबार मामले में प्रतिबंधित किया है। यह समझ से परे है। एमएसएमएफ (मजूमदार शॉ मेडिकल फाउंडेशन) का बायोकॉन से क्या लेना-देना है? संबंधित अधिकारी को उसकी जटिल परिकल्पना की व्याख्या करने की आवश्यकता है। सेबी को भेदिया कारोबार निर्णय में विवेकपूर्ण रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।’’
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