संदेशखालि: लोगों पर अत्याचार के मामले में ममता बनर्जी ने पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार को पीछे छोड़ा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को दावा किया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने पश्चिम बंगाल के लोगों पर अत्याचार करने के मामले में पूर्ववर्ती वामपंथी दलों की सरकार को पीछे छोड़ दिया है और लोकसभा चुनाव में जनता राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को करारा जवाब देगी.
नयी दिल्ली, 21 फरवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को दावा किया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने पश्चिम बंगाल के लोगों पर अत्याचार करने के मामले में पूर्ववर्ती वामपंथी दलों की सरकार को पीछे छोड़ दिया है और लोकसभा चुनाव में जनता राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को करारा जवाब देगी. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटकों की आलोचना की और इस मामले पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए. राष्ट्रीय राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रसाद ने कहा, ‘‘संदेशखालि मुद्दा बहुत गंभीर होता जा रहा है.
महिलाओं पर हमला, उनके साथ अमपानजनक व्यवहार और उनका यौन शोषण हमारे समाज और लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है.’’ भाजपा नेता ने राज्य में इस तरह की घटनाओं का बचाव करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और उनकी और अन्य विपक्षी पार्टियों की अंतर्रात्मा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘‘जब ममता बनर्जी माकपा के अत्याचारों के खिलाफ (अतीत में) संघर्ष करती थीं और इसके खिलाफ अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठती थीं तब हम सभी उनके प्रशंसक बन गए थे और उनके संघर्ष की सराहना किए करते थे. ज्यादती और पुलिस दमन के मामले में मौजूदा सरकार ने तत्कालीन माकपा शासन को पीछे छोड़ दिया है.’’ यह भी पढ़ें : UP: विपक्षी दलों के खेमे में मची भगदड़, भाजपा में शामिल हो रहे इन पार्टियों के नेता- केशव प्रसाद मौर्य
उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्म की बात है. उनकी अंतरात्मा कहां है?’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘ममता जी, आपको जवाब देना होगा. ममता जी, आपको इसकी कीमत चुकानी होगी. जनता आपको राजनीतिक जवाब देगी.’’ कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर, सुंदरबन की सीमाओं पर स्थित संदेशखालि इलाके में स्थानीय महिलाओं द्वारा फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रसाद ने संदेशखालि मुद्दे पर नहीं बोलने के लिए कांग्रेस, आप, वाम दलों और ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटकों की निंदा की और कहा कि उनकी चुप्पी उनके ‘पाखंड और स्पष्ट दोहरे मापदंडों’ का सबूत है. उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा एक समाचार चैनल के संवाददाता की गिरफ्तारी की भी निंदा की.
भाजपा नेता ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव पर शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘चंडीगढ़ में एक घटना हुई. हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. यह एक बंद अध्याय है. लेकिन सभी उस पर सुर से सुर मिलाकर भाषण दे रहे हैं. लेकिन वे सभी संदेशखालि में महिलाओं की गरिमा की लूट के मुद्दे पर चुप हैं.’’ प्रसाद ने कहा, ‘‘कल (मंगलवार) मैंने माकपा की एक नेत्री के वहां जाने की खबर सुनी. लेकिन माकपा ने न तो औपचारिक रूप से (संदेशखालि की कथित घटनाओं का) विरोध किया है और न ही इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है. हर मुद्दे पर बोलने वाले राहुल गांधी भी चुप हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि भाजपा अलोकतांत्रिक है...उनके अनुसार भाजपा शासन में लोग सुरक्षित नहीं हैं. आज ममता बनर्जी के शासन में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उन्हें पुलिस दमन का शिकार बनाया जा रहा है. और राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, वामपंथी... वे सभी चुप हैं.’’