चंडीगढ़, चार दिसंबर शिरोमणी अकाली दल(शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोमवार को कहा कि उन्हें और पार्टी नेता विरसा सिंह वल्टोहा को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में मौत की पाए बलवंत सिंह राजोआना से पटियाला केंद्रीय कारागार में मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
हालांकि अकाली नेताओं ने दावा किया कि उन्हें राजोआना से मिलने की जरूरी अनुमति अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) से मिली थी।
पटियाला के केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ने कहा कि मजीठिया को अनुमति रद्द होने की जानकारी फोन के माध्यम से दे दी गई थी।
राजोआना ने वर्ष 2012 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा राष्ट्रपति के पास दायर की गई अपनी ‘दया याचिका'’वापस लेने की मांग को लेकर पांच दिसंबर से हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी।
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने रविवार को कहा था कि समिति ने 'पंथक' भावनाओं को ध्यान में रखते हुए याचिका दायर की है और इसे वापस लेना समुदाय के हित में नहीं है।
मजीठिया ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर उन्हें राजोआना से मिलने नहीं दिया गया।
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