Telangana Elections: बीआरएस के सत्ता में लौटने के बाद रैयतों को रायथु बंधु सहायता वितरित की जाएगी: मुख्यमंत्री केसीआर
निर्वाचन आयोग द्वारा रायथु बंधु योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता देने की अनुमति वापस लेने के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को कहा कि तीन दिसंबर के बाद बीआरएस के सत्ता में लौटने पर किस्त जमा की जाएगी।
शादनगर/चेवेल्ला (तेलंगाना), 27 नवंबर निर्वाचन आयोग द्वारा रायथु बंधु योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता देने की अनुमति वापस लेने के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को कहा कि तीन दिसंबर के बाद बीआरएस के सत्ता में लौटने पर किस्त जमा की जाएगी. इससे पहले आज, निर्वाचन आयोग ने रायथु बंधु योजना के तहत रबी फसलों के लिए रैयतों को सहायता के वितरण के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली, क्योंकि राज्य के एक मंत्री ने इसके बारे में सार्वजनिक घोषणा करके आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया था.
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को रायथु बंधु योजना के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त बांटने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गयी अनुमति वापस ले ली. आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला लिया क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है. यहां से लगभग 50 किलोमीटर दूर शादनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में रायथु बंधु के लाभार्थियों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और वितरण रोकने के लिए कहा है.
राव ने पूछा, “यह एक नियमित कार्यक्रम है। कोई नया कार्यक्रम नहीं है. यह रायथु बंधु वितरण का छठा वर्ष है. उन्हें लगता है कि अगर रायथु बंधु को रोका गया तो उन्हें वोट मिलेंगे. आप (कांग्रेस) कितने दिन रोक सकते हैं?” उन्होंने कहा, “तीन दिसंबर के बाद हमारी सरकार दोबारा आने वाली है. छह दिसंबर से हम इसे खुशी-खुशी जारी करेंगे.” कांग्रेस के कदम को “निकृष्ट” बताते हुए राव ने कहा कि उस पार्टी के ऐसे नेता और कार्यकर्ता भी हैं जो रायथु बंधु योजना के तहत लाभ उठाते हैं.
रायथु बंधु भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसके तहत किसानों को प्रति एकड़ निवेश सहायता के रूप में दो किस्तों (खरीफ और रबी) में सालाना 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. कांग्रेस ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त से अनुरोध किया था कि वे बीआरएस पर प्रतिबंध लगाएं कि अपने चुनाव अभियान में वह रायथु बंधु राशि के वितरण का उल्लेख न करे.
बीआरएस के चुनावी घोषणापत्र में वादा किया गया है कि अगर पार्टी 30 नवंबर के विधानसभा चुनावों के बाद फिर से सत्ता में आती है तो कार्यक्रम के तहत राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दिया जाएगा. कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखते हुए राव ने आरोप लगाया कि सबसे पुरानी पार्टी ने यहां के लोगों की सहमति के बिना तेलंगाना का आंध्र प्रदेश में विलय कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप लोगों को परेशानी हुई.
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