अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों का एक समूह, निदेशक राफेल ग्रोसी के नेतृत्व में जापोरिज्जिया नाभिकीय संयंत्र का दौरा करने के लिए रवाना हुआ। संयंत्र के क्षेत्र में भारी गोलाबारी हो रही है जिससे उसके एक रिएक्टर को आपातकालीन स्थिति में बंद कर दिया गया है।
ग्रोसी ने कहा, “वहां सैन्य कार्रवाई में वृद्धि हुई है जो आज सुबह से लेकर अभी तक जारी है।” उन्होंने कहा कि खतरे के बाबत यूक्रेन की सेना से सूचना मिलने के बावजूद उन्होंने आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, “हम इसके फायदे और नुकसान जानते हैं और यहां तक आ चुके हैं इसलिए हम रुकने वाले नहीं हैं।” ग्रोसी ने कहा कि यूक्रेनी और रूसी सैन्य ठिकानों के बीच कथित ‘ग्रे जोन’ में खतरा बहुत ज्यादा है और संयंत्र का दौरा करने के लिए न्यूनतम अनुकूल परिस्थिति है।
यूरोप के सबसे बड़े नाभिकीय संयंत्र जापोरिज्जिया पर छह महीने से चल रहे युद्ध के शुरुआती दिनों से ही रूस की सेनाओं का कब्जा है।
यूक्रेन का आरोप है कि रूस इस संयंत्र को एक कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और इसमें हथियार छिपा कर रखे गए हैं तथा संयंत्र के पास से हमले किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मास्को का आरोप है कि यूक्रेन क्षेत्र में लगातार हमले कर रहा है जिससे परमाणु विकिरण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
अधिकारियों ने संयंत्र के आसपास रहने वालों को विकिरण रोधी आयोडीन की गोलियां देना शुरू कर दिया है। ग्रोसी ने कहा, “हमारे सामने एक बेहद महत्वपूर्ण मिशन है। हम संयंत्र की सुरक्षा स्थिति की तत्काल समीक्षा शुरू करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं संयंत्र में आईएईए की उपस्थिति बरकरार रखने की कोशिश करूंगा। हमें ऐसा लगता है कि स्थिति को नियमित, विश्वसनीय, पक्षपात रहित रखने और वहां से निरंतर जानकारी प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है।”
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