कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके विभाग द्वारा क्रियान्वित परियोजनाओं ने प्रदेश में इस साल हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विभाग के दुरुपयोग की वजह से राज्य में वाम मोर्चा सरकार गिरी थी. उन्होंने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा, “ममता बनर्जी सरकार द्वारा लागू की गईं व्यापक ग्रामीण विकास परियोजनाओं ने मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में जीत के भाजपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया.
इस वित्त वर्ष में भी राज्य के बजट में, 24 हजार करोड़ रुपये की बड़ी रकम विभाग के लिये आवंटित की गई है। हालांकि, कुछ कमियां हो सकती हैं क्योंकि विभाग की विशाल परियोजनाओं को लागू करना एक कठिन कार्य है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि मनरेगा, पश्चिम बंगाल राज्य आजीविका मिशन, बांग्ला आवास योजना, निर्मल बांग्ला, ग्रामीण सड़क योजना और आनंदधारा ने राज्य में भाजपा के इरादों को सफल नहीं होने दिया. उन्होंने वाम मोर्चे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पंचायती राज कानून यद्यपि पिछली सरकार द्वारा अपनाया गया था, लेकिन इसके “दुरुपयोग” की वजह से उनकी हार हुई. यह भी पढ़े: West Bengal: बीजेपी का साथ छोड़ TMC में शामिल हुए मुकुल रॉय, सीएम ममता बोलीं- पार्टी में मिलेगी अहम भूमिका
उन्होंने हालांकि कहा कि वह सदन में गर्मागर्म बहस के दौरान वाम और कांग्रेस सदस्यों की कमी महसूस करते हैं, क्योंकि वे मौजूदा विपक्ष (भाजपा) से “काफी ज्यादा जानकार” थे. प्रदेश की 294 सदस्यीय विधानसभा में वाम मोर्चा या कांग्रेस का एक भी सदस्य नहीं है. सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के कारण दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल लौटने वाले किसी भी प्रवासी कामगार की मौत भूख से नहीं हुई.
उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार ने वापस लौटे सभी प्रवासी कामगारों, जिनकी संख्या करीब 10 लाख है, को रोजगार कार्ड की पेशकश की है, जिससे वे प्रतिदिन करीब 220 से 250 रुपये कमा सकें. यह रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जाती है, जिससे भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं रहती.
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