मुंबई, सात दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डॉलर में मजबूती के बीच अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में रुपये का उतार-चढ़ाव कम रहा है। इसके साथ ही उन्होंने देश के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति को संतोषजनक बताया है।
दास ने बुधवार को यहां द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वास्तविक आधार पर देखा जाए, तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में रुपया 3.2 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘रुपये की कहानी भारत की मजबूती और स्थिरता को दर्शाती है।’’ उन्होंने कहा कि इस साल डॉलर में मजबूती के बीच रुपये सहित दुनिया की सभी प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आई है। इसने सभी का ध्यान खींचा है।’’
दास ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक तथा वित्तीय बाजार के घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में रुपये के उतार-चढ़ाव का आकलन करने की जरूरत है।
गवर्नर ने कहा, ‘‘डॉलर में मजबूती के इस अध्याय के बीच अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये का उतार-चढ़ाव सबसे कम रहा है।’’
उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्थिति में है। 21 अक्टूबर, 2022 को यह 524.5 अरब डॉलर था, जो दो दिसंबर, 2022 को बढ़कर 561.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का शुद्ध प्रवाह मजबूत बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर में एफडीआई का प्रवाह बढ़कर 22.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 21.3 अरब डॉलर रहा था।
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