मुंबई, 15 जुलाई विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की व्यापक मजबूती से सोमवार को रुपया 10 पैसे टूटकर 83.61 रुपये प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में मानक सूचकांकों के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने और विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ने से रुपये को निचले स्तर पर थोड़ा समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.53 प्रति डॉलर के भाव पर खुला लेकिन जल्द ही इसमें गिरावट आने लगी। कारोबार के दौरान रुपया 83.62 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे की गिरावट है।
शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.51 के भाव पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में सकारात्मक रुख और घरेलू थोक मुद्रास्फीति बढ़ने से रुपये में गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में राजनीतिक हिंसा की वारदात के बीच सुरक्षित निवेश की मांग आने से डॉलर में तेजी आई। उन्होंने कहा कि सितंबर में फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती की संभावना बढ़ने से डॉलर में तेजी सीमित हो सकती है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.07 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.09 प्रतिशत बढ़कर 85.11 डॉलर प्रति बैरल पर था।
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुए। सेंसेक्स 145.52 अंक बढ़कर 80,664.86 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 84.55 अंक की बढ़त के साथ रिकॉर्ड 24,586.70 अंक पर रहा।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें बढ़ने से देश में थोक मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने बढ़कर जून में 3.36 प्रतिशत हो गई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 2,684.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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