मुंबई, 17 मई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि बैंक के संचालन, प्रतिष्ठा और वित्तीय स्थिरता पर साइबर हमले के जोखिम को बढ़ने नहीं दिया जा सकता है।
उन्होंने इसके लिए सक्रिय जोखिम नियंत्रण उपायों की जरूरत पर जोर दिया।
डिप्टी गवर्नर ने बृहस्पतिवार को यहां शहरी सहकारी बैंकों के आश्वासन प्रमुखों के सम्मेलन में कहा कि बैंकिंग के लगातार बदलते परिदृश्य में, नए जोखिम सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि साथ ही ऋण, बाजार और नकदी जोखिम जैसे पारंपरिक जोखिम भी अहम बने हुए हैं। दूसरी ओर साइबर सुरक्षा खतरे और परिचालन संबंधी व्यवधान जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं।
स्वामीनाथन जे ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रसार और वित्तीय प्रणालियों के आपस में जुड़ाव के कारण बैंक आंकड़ों में सेंध से लेकर रैंसमवेयर हमलों तक का सामना कर रहे हैं।
डिप्टी गवर्नर ने कहा, ''किसी बैंक के संचालन, प्रतिष्ठा और वित्तीय स्थिरता पर साइबर हमले के जोखिम को बढ़ने नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों और सक्रिय जोखिम नियंत्रण रणनीतियों का महत्व बढ़ सकता है।''
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