नयी दिल्ली, दो जनवरी सरकार ने भारतीय उद्योग द्वारा 23 एमएम का ड्रोन विध्वंसक गोला बनाये जाने के संबंध में सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया है, जिसका उपयोग सेना की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के वास्ते मौजूदा अस्त्र प्रणाली के साथ किया जाना है।
इस गोले का उपयोग ड्रोन को नष्ट करने के लिए मौजूदा ‘जु 23 एमएम और शिल्का अस्त्र प्रणाली’ के साथ करने का इरादा है।
‘आरएफआई’ एक व्यावसायिक दस्तावेज होता है, जिसके जरिए खरीदार संभावित आपूर्तिकर्ताओं से किसी उत्पाद या सेवा के बारे में जानकारी मांगता है।
गत एक जनवरी को जारी आरएफआई में यह भी कहा गया है कि लक्ष्य भेदने की संभावना को बढ़ाने के लिए 23 एमएम के ड्रोन विध्वंसक गोले की आवश्यकता है।
सरकार ने कहा कि रक्षा मंत्रालय भारत में 23 एमएम का ड्रोन विध्वंसक गोला बनाने के संबंध में इच्छुक कंपनियों/फर्म/विक्रेताओं से सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) करता है।
आरएफआई में कहा गया कि इसका उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत 23 एमएम के ड्रोन विध्वंसक गोले के निर्माण के लिए संभावित विक्रेता (डीपीएसयू/निजी विक्रेता) की पहचान करना है।
सरकार ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रम (डीपीएसयू) और निजी विक्रेता आरएफआई का जवाब देने तथा परियोजना में भाग लेने के लिए पात्र हैं।
आरएफआई में सरकार ने सेना की इस नयी जरूरत का जिक्र किया है।
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