देश की खबरें | मणिपुर हिंसा की जांच की निगरानी कर रहे सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को विदेश यात्रा की अनुमति मिली

नयी दिल्ली, सात अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय पडसलगीकर के विदेश यात्रा के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। उन्हें मणिपुर में जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अमेरिका और यूरोप की यात्रा की अनुमति का अनुरोध करने वाले उनके पत्र पर गौर करने के बाद अधिकारी की याचिका स्वीकार कर ली।

पीठ ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक दत्तात्रेय पडसलगीकर ने एक पत्र लिखा है, जिन्हें इस न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और मणिपुर पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है।’’

पीठ ने कहा, "दत्तात्रेय पडसलगीकर ने संकेत दिया है कि वह एक मई, 2024 से 29 मई, 2024 तक निजी यात्रा पर अमेरिका और यूरोप जाएंगे। अनुरोध को रिकॉर्ड पर लिया गया है और अधिकारी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई है।"

मणिपुर जातीय हिंसा मामलों की सुनवाई अब 29 अप्रैल को तय की गई है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल सात अगस्त को मणिपुर में यौन हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच की "निगरानी" करने के लिए पडसलगीकर को नियुक्त किया था।

वर्ष 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी पडसलगीकर कुछ वर्षों के लिए गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) में प्रतिनियुक्ति पर थे। उन्हें 30 जनवरी, 2016 को मुंबई पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था।

महाराष्ट्र के डीजीपी के रूप में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने 29 जून, 2018 तक मुंबई पुलिस के प्रमुख के रूप में कार्य किया।

पडसलगीकर को 29 अक्टूबर, 2019 को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास की निगरानी के लिए जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय एक समिति भी गठित की थी।

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