नयी दिल्ली, 16 दिसंबर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति ने प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता में आई गिरावट के बीच सोमवार को चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत कड़े प्रतिबंधों को प्रभावी कर दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई।
जीआरएपी के चौथे चरण के प्रभावी होने के साथ ही राजमार्गों और फ्लाईओवर जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक रहेगी।
सोमवार को शाम चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 379 रहा जो रात करीब 10 बजे 400 को पार कर गया।
जीआरएपी के चौथे चरण के प्रभावी होने पर दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर सभी कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित होंगी।
इससे पहले दिन में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक समीक्षा बैठक के बाद जीआरएपी के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंधों की घोषणा की थी।
जीआरएपी के चौथे चरण के प्रतिबंधों के अनुसार दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कक्षा 6-9 और 11वीं के छात्रों के लिए कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ (भौतिक और ऑनलाइन) में संचालित होनी चाहिए। चरण-3 के तहत कक्षा पांचवीं तक की कक्षाओं को ‘हाइब्रिड मोड’ में स्थानांतरित करना आवश्यक है।
चौथा चरण लागू होने पर सरकारी और निजी कार्यालयों को केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही कार्यालय में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लेना चाहिए, जबकि शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे।
राज्य कॉलेज, गैर-जरूरी व्यवसाय बंद करने और वाहनों पर सम-विषम प्रतिबंध लागू करने जैसे अतिरिक्त उपायों पर विचार कर सकते हैं।
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