मुंबई, नौ अप्रैल भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में रुपये का मूल्य 75 रुपये प्रति डॉलर के आसपास रह सकता है। इसके अलावा भारत के लिए कच्चे तेल का औसत खरीद मूल्य 35 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहेगा।
रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी मध्य से रुपया लगातार दबाव में है और टूट रहा है। एक तरह से उभरते बाजारों की सभी मुद्राएं दबाव में हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान सांकेतिक विनिमय दरों के दोतरफा रुख के आधार पर रिजर्व बैंक का अनुमान है कि भारतीय रुपये का मूल्य 75 रुपये प्रति डॉलर के आसपास रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सांकेतिक विनिमय दर (रुपया और अमेरिकी डॉलर) से पता चलता है कि अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान इसमें अच्छा-खासा दोतरफा रुख देखा गया। जनवरी मध्य से रुपया दबाव में आया है। यह दर्शाता है कि उभरते बाजारों की मुद्राओं में कमजोरी का रुख है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक भारत के लिए कच्चे तेल की खरीद के औसत मूल्य का सवाल है तो यह 2020-21 के दौरान 35 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रह सकता है।
केंद्रीय बैंक का कहना है कि अक्टूबर, 2019 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। दिसंबर के आखिर और जनवरी, 2020 की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रही। अमेरिका-ईरान तनाव के बीच कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मांग घटने की संभावना के बीच मार्च की शुरुआत में यह 51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
रूस के साथ उत्पादन कटौती को लेकर कोई सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी अरब ने कच्चे तेल के दाम घटाने और उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया, जिससे नौ मार्च, 2020 को यह 32 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 मार्च को कच्चा तेल 23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि अमेरिकी कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। तीन अप्रैल को ब्रेंट कच्चे तेल में सुधार हुआ और यह 34 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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