नयी दिल्ली, 22 सितंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-परास्नातक (नीट-पीजी) 2023 के लिए अर्हता ‘पर्सेंटाइल’ को घटाकर शून्य करने से अर्हता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता प्रणाली कमजोर नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि केवल उच्चतम अंक प्राप्त करने वालों को ही पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा।
अधिकारियों ने कहा कि प्रवेश पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से दिया जाएगा और कुछ निजी कॉलेजों द्वारा कथित तौर पर पिछले दरवाजे से प्रवेश दिये जाने से छुटकारा मिल जाएगा।
उन्होंने इस अटकल को काल्पनिक बताया कि ‘जीरो पर्सेंटाइल’ वाले छात्र भी विशेषज्ञ डॉक्टर बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि उच्चतम अंक वाले छात्र अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
देश के मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 68,142 सीट हैं।
अब तक, 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार नीट के माध्यम से मेडिकल पीजी प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र थे।
उन्होंने कहा कि पिछले साल योग्यता मानदंड 20 प्रतिशत रखा गया था, फिर भी अखिल भारतीय कोटा के तहत 3000 सीट खाली रह गई थी। राज्य कोटे के तहत भी कुछ सीट खाली रह गई थी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इस साल, 68,000 उपलब्ध सीट में से 13,000 पर अब तक दाखिला नहीं हुआ है।’’
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