नॉर्वे की एक महिला और उनके नेपाली गाइड ने दुनिया के सभी 8,000 मीटर से ऊंचे पहाड़ों पर सबसे तेज चढ़ाई का रिकॉर्ड बनाया है. महिलाओं के लिए यह कर पाना काफी मुश्किल है.विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए क्रिस्टिन हारिला और तेनजिन शेरपा ने पूरी दुनिया में ऐसे 14 पहाड़ों पर सबसे तेजी से चढ़ाई की है. इसमें इन्हें तीन महीने और एक दिन का समय लगा. इनके लिए पाकिस्तान की के2 चोटी आखिरी पड़ाव था. उनके टीम ने एक बयान में कहा कि यह रिकॉर्ड "इस विशाल प्रयास के दौरान उनके अटूट दृढ़ संकल्प, टीम वर्क और अडिग दृढ़ता" को दिखाता है. उन्होंने कहा, "हरिला और लामा का साथ आना पर्वतारोहण की एकता, सीमाओं और संस्कृतियों के पार जा कर साथ में महानता हासिल करने की मूल भावना को दिखाया है." शेरपा को लामा भी कहते हैं.
एवरेस्ट की चोटी पर 23 बार चढ़ने वाले शेरपा
"पुरुष होती तो ज्यादा आसान रहता"
वैसे तो दुनिया में 40 से ज्यादा लोगों ने इन 14 चोटियां पर चढ़ाई की है, लेकिन इनमें महिलाएं बहुत कम हैं. अपनी चढ़ाई करने की क्षमता को सिद्ध करने के बावजूद 37 वर्षीय हरिला को पिछले साल को प्रायोजक ढूंढने के लिए संघर्ष करना पड़ा था. इसके लिए उन्हें अपना अपार्टमेंट भी बेचना पड़ा. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को मई में दिए एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे लगता है कि अगर मैं पुरुष होती तो यह प्रोजेक्ट करना मेरे लिए बहुत आसान होता. दुनिया में एक महिला होना बिल्कुल अलग है, और यह केवल प्रायोजक ना मिलने की बात नहीं है."
हरिला वाडसो की मूल निवासी हैं, जो नॉर्वे के सबसे उत्तरी भाग में बैरेंट्स सागर पर स्थित है. वाडसो में सबसे ऊंची चोटी महज 633 मीटर की है. बचपन में उन्हें चढ़ाई का शौक नहीं था. उस वक्त वह ज्यादा फुटबॉल, हैंडबॉल और क्रॉस-कंट्री स्कीइंग करती थीं. 2015 में उन्होंने किलिमंजारो की चढ़ाई की. यह ट्रिप उन्हें अपनी कंपनी के खर्चे पर मिली थी. यहीं से उन्हें अपने चढ़ाई के जुनून का पता लगा.
के2 की चढ़ाई एवरेस्ट से ज्यादा मुश्किल
लामा 16 की उम्र से एक गाइड हैं और इस रिकॉर्ड-ब्रेकिंग यात्रा के दौरान हरिला के साथी रहे. उनकी टीम ने बयान में कहा, "लामा की अनमोल विशेषज्ञता और पहाड़ों के साथ गहरा संबंध दुर्गम इलाकों में नेविगेट करने और कठोर मौसम की स्थिति का सामना करने में उनकी सफलता का अभिन्न अंग रहा है." दुनिया की 14 "सुपर चोटियों" में से पांच पाकिस्तान में ही है. इन सभी चोटियों पर चढ़ना किसी भी पर्वतारोही के लिए खासी उपलब्धि मानी जाती है. एवरेस्ट की तुलना में के2 पर चढ़ाई अधिक कठिन मानी जाती है. इसके कारण है के2 पर मौसम का बेहद अस्थिर होना. 1954 के बाद से केवल 425 लोग ही इस पर चढ़ सके हैं. इनमें करीब 20 महिलाएं भी शामिल हैं.
इससे पहले यह रिकॉर्ड नेपाल में जन्मी ब्रिटेन की निर्मल पुर्जा के नाम था. उन्होंने यह रिकॉर्ड 2019 में बनाया था और सभी 14 चोटियों की चढ़ाई में उनको छह महीने और छह दिन का समय लगा था. पुर्जा फिलहाल नया रिकॉर्ड बनाने में व्यस्त हैं. इसमें वे बिना सप्लीमेंटल ऑक्सीजन के सभी चोटियों पर सबसे तेज चढ़ाई करना चाहती हैं.
एचवी/एनआर (एएफपी)