नयी दिल्ली, 6 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर पर निर्णय, पश्चिम एशिया के संघर्ष और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजे, घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे. पिछले सप्ताह पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और विदेशी कोषों की निकासी से शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी.स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर रहेगी. एमपीसी की बैठक सात अक्टूबर को शुरू होगी. तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार यानी नौ अक्टूबर को की जाएगी.’’
उन्होंने कहा कि कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों का सत्र टीसीएस के साथ शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर तरलता की स्थिति मजबूत बनी हुई है. ऐसे में अधिक मूल्यांकन वाले क्षेत्रों से नकदी का प्रवाह आकर्षक मूल्यांकन वाले क्षेत्रों की ओर हो सकता है. गौड़ ने कहा कि इसके अलावा जिंस कीमतें, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और अमेरिका के महत्वपूर्ण वृहद आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,883.4 अंक या 4.53 प्रतिशत नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 1,164.35 अंक या 4.44 प्रतिशत का नुकसान रहा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निफ्टी और सेंसेक्स दोनों के लिए क्रमशः 26,000 और 85,000 अंक के नए मील के पत्थर कुछ समय के लिए थे, क्योंकि पश्चिम एशिया की वजह से लगे झटकों और विदेशी कोषों द्वारा कुछ कम मूल्यांकन वाले एशियाई बाजारों की ओर रुख करने से बाजार प्रभावित हुआ. इससे बाजार में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई.’’ यह भी पढ़ें : Kerala Rain Alert Weather Update: केरल में येलो अलर्ट जारी, 11 अक्टूबर तक पूरे राज्य में होगी बारिश, आंधी-तूफान की चेतावनी
शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच पांच दिन में निवेशकों की पूंजी 16.26 लाख करोड़ रुपये घट गई. मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, ‘‘बाजार का रुख प्रमुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा. सप्ताह के दौरान आरबीआई का ब्याज दर पर निर्णय आना है. इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी आएंगे. साथ ही अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा, बेरोजगारी आंकड़े और अमेरिका के जीडीपी आंकड़े भी आने हैं.’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि निवेशकों की निगाह भू-राजनीतिक घटनाक्रम और कच्चे तेल की कीमतों पर इसके प्रभाव पर रहेगी. मिश्रा ने कहा, ‘‘विदेशी कोषों के प्रवाह के अलावा घरेलू प्रवाह भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह एमपीसी की बैठक पर है. इस बैठक के नतीजों की घोषणा नौ अक्टूबर को होगी.’’