मुंबई, 12 दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कुछ श्रेणियों के लिए यूपीआई के जरिये स्वचालित भुगतान की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दिया। इसके दायरे में म्यूचुअल फंड को भी शामिल किया गया है।
अभी तक 15,000 रुपये के बाद के आवर्ती लेनदेन के लिए कार्ड, प्रीपेड भुगतान साधनों और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) पर ई-निर्देश/ स्थायी निर्देशों का निष्पादन करते समय ‘प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक’ (एएफए) में छूट की मंजूरी है।
आरबीआई ने ‘आवर्ती लेनदेन के लिए ई-निर्देश के निष्पादन’ पर जारी एक परिपत्र में कहा, ‘‘म्यूचुअल फंड की सदस्यता, बीमा प्रीमियम के भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए एक लेनदेन की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।’’
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान यूपीआई से स्वचालित लेनदेन की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपया करने का ऐलान किया था।
नवंबर महीने में 11.23 अरब से अधिक लेनदेन के साथ यूपीआई आबादी के एक बड़े तबके के लिए डिजिटल भुगतान का पसंदीदा तरीका बनकर उभरा है।
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