वाशिंगटन, पांच अक्टूबर अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल विवेक रामास्वामी ने यूक्रेन में चुनाव कराने के लिए अमेरिका से अतिरिक्त धन मांगने पर युद्धग्रस्त देश के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की आलोचना की है।
रामास्वामी ने यह भी कहा है कि वह अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार बनने की राह पर हैं।
‘फॉक्स न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में 38 वर्षीय रामास्वामी ने अपने उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए तो यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में कटौती कर देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे तुष्टिकरण से भी समस्या है, लेकिन मैं बहुत स्पष्ट होना चाहता हूं। हमें यहां अमेरिकी लोगों के बराबर रहना होगा। सिर्फ इसलिए कि पुतिन एक दुष्ट तानाशाह हैं और वास्तव में वह ऐसे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यूक्रेन भला है।’’
रामास्वामी ने कहा, ‘‘यह (यूक्रेन) एक ऐसा देश है जिसने 11 विपक्षी दलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यही वह देश है जिसने सभी मीडिया संगठनों का एक सरकारी मीडिया शाखा में विलय कर दिया है, जिसके राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते एक नाजी की प्रशंसा की थी, उन्होंने अमेरिका को धमकी दी है कि अगर उन्हें अधिक धन नहीं मिलता है तो वह इस साल अपने देश यूक्रेन में आम चुनाव नहीं कराएंगे।’’
रामास्वामी ने कहा कि वह नवंबर 2024 के चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की राह पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘छह महीने पहले यहां तक कि पांच महीने पहले भी इस देश में अधिकांश लोग नहीं जानते थे कि मैं कौन हूं। अब हम पहले से ही कई मामलों में राष्ट्रीय औसत में तीसरे स्थान पर हैं।
भारतीय अमेरिकी नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम नामांकन की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन मेरे लिए यह मेरे बारे में नहीं है। यह ट्रंप के बारे में नहीं है। यह अमेरिका को पहले स्थान पर रखने के बारे में है। मुझे लगता है कि यह संदेश पूरे देश में गूंज रहा है। अगली पीढ़ी तक पहुंचने के लिए अलग पीढ़ी के किसी व्यक्ति की आवश्यकता होगी।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने टिक-टॉक से जुड़ने के अपने फैसले का बचाव किया।
उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग भी इस मंच पर पहले से हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस देश में बदलाव लाने के लिए चुनाव जीतना होगा। मैं भारी जीत हासिल करना चाहता हूं। मैं युवाओं तक पहुंचना चाहता हूं ताकि हम 16 साल से कम उम्र के बच्चों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने जैसी नीतियों को लागू कर सकें, जिसका मैं समर्थन करता हूं।’’
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