रूसी अधिकारी प्रदर्शन से निपटने के लिये हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। पिछले सप्ताहांत देशभर में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। हाल के वर्षों में हुए विरोध का यह सबसे मुखर स्वरूप है।
कैद करने की धमकियों, सोशल मीडिया समूहों को चेतावनी एवं दंगारोधी पुलिस का डर दिखाये जाने के बावजूद रविवार को कई शहरों में जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाने वाले नवलनी को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
नवलनी ने क्रेमलिन पर उन्हें नर्व एजेंट (जहर) दिये जाने का आरोप लगाया था और वह बाद में स्वास्थ्य लाभ के लिये जर्मनी चले गए थे जहां उन्होंने करीब पांच महीने स्वास्थ्य लाभ लिया।
रूस के अधिकारी नवलनी के आरोपों का खंडन करते रहे हैं। नवलनी को पेरौल की शर्तों का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि जर्मनी में स्वास्थ्य लाभ लेने के दौरान वह सुरक्षाकर्मियों के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
राजनीतिक गिरफ्तारियों पर नजर रखने वाले संगठन ओवीडी इन्फो के अनुसार रविवार को पुलिस ने विभिन्न शहरों में 1,600 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
मास्को में कई अभूतपूर्व सुरक्षा कदम उठाए गए हैं और क्रेमलिन (रूसी सरकार के मुख्यालय) के पास सबवे (मेट्रो) स्टेशन बंद कर दिए गए हैं, बसों का मार्ग बदल दिया गया है। रेस्तरां तथा दुकानों आदि को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
नवलनी की टीम ने शुरू में मास्को के लुबयांका स्क्वायर पर प्रदर्शन का आह्वान किया था जहां संघीय सुरक्षा सेवा का मुख्यालय है। खुद को जहर दिये जाने के लिये नवलनी इसी सुरक्षा एजेंसी को जिम्मेदार मानते हैं। पुलिस ने जब इस स्थान को सुरक्षा घेरे में ले लिया तब उससे एक मील की दूरी पर प्रदर्शन स्थानांतरित कर दिया गया। वहां भी पुलिस तैनात कर दी गई जहां कम से कम 100 लोग हिरासत में लिए गए हैं।
सिटी सेंटर में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ‘पुतिन इस्तीफा दो’ ,‘ पुतिन चोर है’ के नारे लगाते हुए मार्च किया।
बाद में कुछ प्रदर्शनकारी मात्रोसाकाया तिशिना जेल की ओर कूच किया जहां नवलनी के रखा गया है। दंगारोधी पुलिस ने हालांकि उन्हें खदेड़ दिया तथा कई लोगों को हिरासत में ले लिया।
मास्को में नवलनी की पत्नी यूलिया समेत 300 से ज्यादा लोग हिरासत में लिये गये। उनकी पत्नी प्रदर्शन में शामिल हुई थीं।
उत्तरी साईबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में रैली में हजारों लोग शामिल हुए। यहां करीब 90 लोगों को हिरासत में लिया गया और यह सबसे बड़ी रैलियों में से एक थी। सेंट पीटर्सबर्ग में भी मार्च निकाला गया। अन्य शहरों में भी विरोध मार्च निकाले जाने की खबर है।
एपी
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