लखनऊ, 15 फरवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से संजय सेठ को अपना आठवां प्रत्याशी घोषित किया जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस तरह राज्यसभा के लिए 27 फरवरी को अब चुनाव होना निश्चित हो गया है. सेठ ने भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा अन्य मंत्रियों की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल किया. इससे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने आज पार्टी कार्यालय में पूर्व राज्यसभा सदस्य संजय सेठ को उच्च सदन के लिए पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया. भाजपा अध्यक्ष चौधरी ने दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे. चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है और कई लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों से प्रभावित हैं.’’ समाजवादी पार्टी (सपा) से 2019 में भाजपा में शामिल हुए पेशे से उद्योगपति (बिल्डर) सेठ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों के साथ हैं.’’ भाजपा के सात प्रत्याशियों ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया था. सपा के तीन उम्मीदवारों का मंगलवार को नामांकन दाखिल हुआ था .
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं. सपा और कांग्रेस राज्य में विपक्षी दल हैं और लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ में भागीदार भी हैं. सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 जबकि निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं. रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है. उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 वोट चाहिए. 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में इस समय कुल 399 सदस्य हैं. विधानसभा की चार सीट रिक्त हैं. वर्तमान संख्या बल के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिये 37 वोट की जरूरत होगी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का अंकगणित देखें तो भाजपा के 252, अपना दल (सोनेलाल) के 13, निषाद पार्टी के छह और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायक हैं. यह भी पढ़ें : ममता ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा
हाल ही में राजग का दामन थामने वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के नौ विधायकों को भी जोड़ लें तो राजग का संख्याबल 286 पर पहुंच जाता है. रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के भी दो विधायक हैं जो समय-समय पर सरकार के साथ खड़े नजर आए हैं. इन्हें भी जोड़ लें तो राजग का आंकड़ा 288 हो जाता है. सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी और सपा विधायक इरफान सोलंकी अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं. सपा के 108 विधायक हैं,कांग्रेस के दो और बसपा का एक विधायक है. सपा को तीन राज्यसभा सीट जीतने के लिए 111 विधायकों के वोट की जरूरत होगी. अगर इरफान सोलंकी समेत सपा के सभी विधायक पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करते हैं और कांग्रेस विधायकों के साथ ही बसपा के एकमात्र विधायक का वोट भी मिल जाता है तो पार्टी का तीसरा विधायक आसानी से चुनाव जीत जाएगा.
लेकिन इरफान सोलंकी के जेल से आकर वोट डालने पर संदेह है और पल्लवी पटेल ने साफ कह दिया है कि वह बच्चन-रंजन को वोट नहीं देंगी. ऐसे में सपा के अपने दो वोट पर संदेह है. बसपा विधायक का वोट सपा को मिल पाएगा, इसकी संभावनाएं भी ना के बराबर ही मानी जा रही हैं .अगर ऐसा होता है तो सपा के पास तीसरी सीट के लिए 28 से 29 वोट ही बचेंगे. दूसरी तरफ, रालोद के पाला बदल के बाद भाजपा के पास सात उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के बाद भी करीब 29 वोट अधिक हैं. सपा की, सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने पार्टी की तरफ से घोषित किए गए प्रत्याशियों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने राज्यसभा के प्रत्याशियों के चयन में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सपा प्रत्याशियों को वोट न देने का ऐलान किया है. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है. मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे.