जयपुर, 20 अप्रैल राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को 'महंगाई राहत' के बजाय 'भ्रष्टाचार राहत' शिविर लगाने चाहिए।
इसके साथ ही राजे ने कहा कि कुछ लोग षड्यंत्र पूर्वक उन पर 'मिलीभगत' का आरोप लगाते रहते हैं। राजे सूरतगढ़ कस्बे में विश्नोई समाज के जंभेश्वर मंदिर कलश स्थापना समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उनके प्रवक्ता के अनुसार बिश्नोई समाज के नियमों का जिक्र करते हुए राजे ने राज्य सरकार पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा, '12वां नियम है-चोरी नहीं करना। भ्रष्टाचार एक किस्म की चोरी ही है। जहां बिना पैसे काम नहीं होते वहां महंगाई कैसे कम होगी । लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैम्प लगायें। महंगाई अपने आप कम हो जायेगी।'
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार अपनी जनकल्याणकारी और महंगाई से राहत दिलाने वाली योजनाओं को लेकर 24 अप्रैल से 'महंगाई राहत शिविर' लगाने जा रही है।
राजे ने कहा कि बिश्नोई समाज का 13वां नियम निंदा नहीं करना और 14 वां नियम झूठ नहीं बोलना है, लेकिन कई लोगों को निन्दा और झूठे आरोप लगाए बिना नींद ही नहीं आती लेकिन झूठे आरोप उसी पर लगते हैं जो 'प्रतिद्वंद्वी' की नींद उड़ा कर रखे।
उन्होंने कहा, 'कई लोग षड्यंत्र पूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं रहे हैं कि ‘वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत हैं।'
राजे ने कहा कहा, ' जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे हर दिन अमर्यादित सुनने को मिलती हों, उनसे मिलीभगत कैसे सम्भव है। क्या कभी दूध और नीबू का रस आपस में मिल सकते है।’’
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