जयपुर, 26 जुलाई राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा।
सदन में मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बाजरे की खरीद पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल के कार्यकाल में किसानों के साथ धोखा हुआ और एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं की गई।
प्रश्नकाल के दौरान निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार की एमएसपी पर बाजरा खरीदने की कोई योजना है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने लिखित जवाब में बताया कि राज्य में वर्ष 2022-23 में 59,18,718 टन एवं 2023-24 में 43,82,760 टन बाजरे का उत्पादन हुआ। उन्होंने बताया कि खरीफ खरीद सत्र 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान राज्य में एमएसपी पर बाजरा की खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया। बाजरे का लक्ष्य निर्धारित नहीं होने से खरीद नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में आने वाली खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
गोदारा ने कहा कि यह गंभीर मसला है और 'हमारी सरकार किसानों के लिए हमेशा तत्पर रही है।'
उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी व हंगामा शुरू कर दिया। दोनों पक्ष के विधायक बोलने लगे।
गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए तत्पर है। हमारी सरकार के समय में गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस देने, किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 650 करोड़ रुपये देने, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करने एवं कृषि ‘कनेक्शन’ जारी करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि लम्बे समय से राज्य में एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं की गई लेकिन हमारी सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी।
सदन में शोर-शराबा पर नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि हंगामा करने वालों को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव सदन में लाया जाए। बाद में अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शर्मा को शून्यकाल में सदन को संबोधित करने की अनुमति दी।
मुख्यमंत्री शर्मा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन में सवाल पूछने वालों की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे जवाब भी सुनें। उन्होंने कहा,‘‘प्रश्न पूछा कि बाजरे की खरीद कितनी हुई। बाजरे की फसल अभी आने वाली है। सरकार बनने के बाद शायद यह बाजरे की पहली फसल होनी चाहिए लेकिन इस पर भी विचार करना चाहिए कि पांच साल में हमने उसकी कितनी खरीदारी की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री कह रहे हैं कि हमने आगामी बाजरे की फसल के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘पिछली सरकार के समय हमें कई जगह धरना देना पड़ा क्योंकि हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के किसान को बाजरे का 2300 रुपये मूल्य प्रति क्विंटल मिला और हमारे किसान का बाजरा 1400-1500 रुपये में बिका था। अगर आप यह (प्रश्न) कह रहे हैं तो किसान के साथ धोखा किसने किया यह भी सुनिश्चित होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मंत्री जी का जवाब पूरी तरह स्पष्ट था। हमारी सरकार जो कुछ कहेगी वह करके दिखाएगी यह हम विश्वास दिलाते हैं।’’ शर्मा ने कहा कि हम किसानों को लाभान्वित करने का पूरा प्रयास करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा,‘‘ हम चाहते हैं कि हमने जो 'विशिष्ट' प्रश्न उठाया है, उसका जवाब हमें मिले। घुमा फिरा के जवाब उसका नहीं दिया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाजरे को श्री अन्न कहा है... आपके खुद के घोषणा पत्र में था कि बाजरे की खरीद समर्थन मूल्य पर करेंगे। लेकिन खरीद नहीं हो रही।’’
सदन में नेता प्रतिपक्ष ने कहा,‘‘ हम तो चाहते हैं कि मंत्री का जवाब यह आए कि हमारे घोषणा पत्र में है और हम अबकी बार बाजरे की खरीद शुरू करेंगे।’’
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने सदन को निर्देश दिया कि कोई भी विधायक प्रदर्शन करते हुए आसन के समक्ष न आए। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि वे इस मामले का संज्ञान लें और जरूरत पड़ने पर ऐसे सदस्यों को बाहर निकालने का प्रस्ताव लेकर आएं।
सदन में बाद में कार्यवाही नियमित रूप से चलती रही।
पृथ्वी कुंज
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