जयपुर, 27 सितंबर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा को उस समय ऑनलाइन आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जब उनके बेटे को सोशल मीडिया पर एक वीडियो में एक ‘मोडिफाइड’ जीप चलाते हुए देखा गया, जिसमें राज्य सरकार का एक सुरक्षा वाहन उसके पीछे चल रहा था।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री बैरवा ने शुक्रवार को अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि कोई गलत काम नहीं हुआ है, क्योंकि उनका बेटा अपने स्कूल के दोस्तों के साथ था।
वीडियो में, परिवहन विभाग के नाम पर पंजीकृत बहुरंगी बत्ती लगी राजस्थान सरकार की बोलेरो गाड़ी को जीप के पीछे चलते और उसे ‘एस्कॉर्ट’ करते देखा जा सकता है, जिससे राज्य के संसाधनों के अनुचित इस्तेमाल पर सवाल उठ रहे हैं।
वीडियो में दिख रहा है कि बैरवा का बेटा स्वयं जीप चला रहा है और उसके साथ उसके तीन अन्य दोस्त भी हैं, जिनमें से एक कांग्रेस के स्थानीय नेता का बेटा है।
एक अन्य वीडियो में उपमुख्यमंत्री का बेटा कांग्रेस नेता के बेटे के साथ लग्जरी कारों के एक शोरूम में जाता दिखता है, जहां कांग्रेस नेता का बेटा गाड़ी खरीद रहा है।
ये वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद सुरक्षा और सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। हालांकि मंत्री ने इन आलोचनाओं पर असंतोष जताया है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से, उनके बेटे को धनी लोगों के साथ मिलने-जुलने और लग्जरी कारें देखने का मौका मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझ जैसे व्यक्ति को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद अगर धनी लोग मेरे बेटे को अपने साथ बैठने की अनुमति देते हैं और उसे लग्जरी कारें देखने का मौका देते हैं तो मैं उनका आभारी रहूंगा।’’
बैरवा ने कहा कि उनके बेटे की उम्र अभी 18 साल नहीं हुई है, और उसके साथ जो गाड़ी थी, वह सुरक्षा कारणों से थी।
उन्होंने कहा, ‘‘नियमों का उल्लंघन कहां हुआ। गाड़ी मेरे बच्चे की सुरक्षा के लिए थी। अगर लोग इसे अलग तरह से समझते हैं, तो यह उनका नजरिया है, लेकिन मैं अपने बच्चे या उसके दोस्तों को दोष नहीं देता। वे बस साथ थे।’’
प्रदेश के डुडू विधानसभा क्षेत्र से बैरवा दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने हैं। वीडियो में जो बोलेरो वाहन दिख रहा है, वह परिवहन विभाग के नाम पर पंजीकृत है।
इस संबंध में टिप्पणी के लिए परिवहन विभाग की सचिव शुचि त्यागी से संपर्क नहीं हो सका।
इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री को पुलिस एस्कॉर्ट दी जाती है और इस बात की जांच की जा रही है कि किसी स्तर पर एस्कॉर्ट का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जांच कर रहे हैं कि पुलिस एस्कॉर्ट का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है।’’
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