जयपुर, 17 जनवरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने केंद्र सरकार से यह मांग करते हुए इस बारे में एक प्रस्ताव भी पारित किया।
इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि कानून व्यवस्था में राजस्थान देश में अग्रणी है।
यहां आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने कहा कि राज्य के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और राज्य सरकार द्वारा करीब एक करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्र की तत्कालीन संप्रग सरकार द्वारा पूरे देश में शिक्षा, सूचना एवं खाद्य का अधिकार लागू कर सभी को सामाजिक व आर्थिक संबल प्रदान किया गया है उसी तरह देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार को ‘राइट टू सोशल सिक्योरिटी‘ एक्ट लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा इसके लिए चिंतन शिविर में मंत्रीपरिषद सदस्यों ने एकमत प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। गहलोत ने कहा, ‘‘सामाजिक सुरक्षा देश में मुद्दा बनना चाहिए और इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए। संसद में सामाजिक सुरक्षा कानून बनना चाहिए तभी लोगों को भला होगा।’’
साथ ही गहलोत ने पेंशन योजना ओपीएस को पूरे देश में बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान सरकार ने ओपीएस बहाल करने बहुत बड़ा फैसला किया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य इसे बहाल करने की घोषणा कर चुके हैं। मैं इस बारे में प्रधानमंत्री से अपील करना चाहूंगा।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखने में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य है। अनिवार्य प्राथमिकी पंजीकरण नीति से प्रकरणों की संख्या में जरूर वृद्धि हुई है, लेकिन अन्य राज्यों के मुकाबले पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल रहा है। पहले पीड़ित परिवार विभिन्न कारणों से पुलिस थानों तक नहीं पहुंच पाते थे। अब वे प्रकरण दर्ज करा रहे हैं और अपराधियों को सजा मिल रही है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं, जबकि मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात एवं उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शराब के ठेकों को रात 8 बजे बंद करवाने की जवाबदेही क्षेत्र के थानाधिकारी की करने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में बार आदि का संचालन भी अर्धरात्रि के बाद नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में विपक्ष के पास सरकार की आलोचना करने का कोई मुद्दा नहीं है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)